Highlights
- वीडियो में इरशाद प्रधान 2 करोड़ रुपये का इनाम देने का ऐलान कर रहा है।
- पुलिस ने इरशाद के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और उसकी तलाश जारी है।
- आरोपी के खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी: अनिल विज
Nupur Sharma Controversy: हरियाणा पुलिस ने बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की जुबान काट कर लाने के लिए इनाम के ऐलान के एक मामले में केस दर्ज किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक शख्स ने नूपुर की जुबान काट कर लाने के लिए कथित तौर पर दो करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। नूंह पुलिस ने इरशाद प्रधान नाम के इस शख्स के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। नूपुर ने टीवी पर एक बहर के दौरान पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी।
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वीडियो में इनाम का ऐलान करता दिखा इरशाद
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें सलाहेड़ी का रहने वाला इरशाद प्रधान 2 करोड़ रुपये का इनाम देने का ऐलान कर रहा है। इस वीडियो में सैकड़ों मुसलमान प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं। चंडीगढ़ में इस बारे में बयान देते हुए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘ऐसे तत्व जो देश में शांति में विघ्न डालना चाहते हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।’
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‘जुबान काट कर लाओ, और 2 करोड़ ले जाओ’
वीडियो में इरशान एक YouTuber से यह कहते देखा जा सकता है कि नूपुर की जुबान काट कर लाओ और पूरे मेवात क्षेत्र की तरफ से इनाम ले लो। वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया है। वीडियो में इरशाद कहते हुए दिख रहा है, ‘उसकी जुबान लेकर आओ और 2 करोड़ रुपये ले जाओ। ऐसा करो और अभी पैसे ले लो।’ नूंह के पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला ने कहा कि पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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‘सांप्रदायिक सामग्री वाली वीडियो न फैलाएं’
एसपी सिंगला ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। सिंगला ने कहा कि पुलिस का सोशल मीडिया प्रकोष्ठ यह सुनिश्चित कर रहा है कि ऐसी भड़काऊ सामग्री का जिले में प्रसार न हो। उन्होंने कहा, ‘लोगों से हमारी अपील है कि इस तरह की सांप्रदायिक सामग्री वाली वीडियो का प्रसार न करें।’ पुलिस ने कहा कि प्रधान और अन्य के खिलाफ नूंह नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
’40 युवाओं को शांति मार्च निकालने की परमिशन मिली थी’
इंडिया टीवी ने सालाहेड़ी गांव में पहुंचकर मामले की पड़ताल की तो पता चला कि इरशाद गांव में नहीं है। वहां रहने वाले कुछ ऐसे युवा मिले जो 12 जून को हुए प्रदर्शन मे शामिल थे और इरशाद के साथ मौजूद थे। लड़कों ने बताया की हम 40 युवाओं को शांति मार्च निकालने की परमिशन डीसी से मिली थीं लेकिन युवाओं में जोश और गुस्सा इतना था कि सैकड़ों लोग इकट्ठे हो गए। उन्होंने कहा कि इरशाद ने जो कहा उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, उसने तो बस रिपोर्टर के सवाल का जवाब दिया था।
5 हजार की आबादी वाले गांव में महज 30 हिंदू
प्रदर्शन मे शामिल एक और युवा ने कहा कि इरशाद ने जो कहा वह गलत है, और इससे भाईचारे को खतरा होता है। गांव के कुछ बुजुर्गों ने इरशाद के बयान को गलत बताया, तो एक बुजुर्ग का कहना था कि पुलिस एक समुदाय के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करती है जबकि दूसरे के खिलाफ नहीं। सालाहेड़ी एक मुस्लिम बहुल गांव है जहां कि 5 हजार की आबादी में महज 30 हिंदू हैं। पुलिस का यह भी कहना है कि मार्च की कोई परमिशन नहीं दी गई थी, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात किया गया था।