Highlights
- नूपुर शर्मा विवाद पर पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने कहा- ये बहुत ज्यादा हो गया
- कहा- विश्वास नहीं हो रहा है कि यह 21वीं सदी का भारत है
- कहा- राजनीति को एक तरफ छोड़ दें और अपने विवेक से काम लें
Nupur Sharma Controversy: बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद कर्नाटक में उनका पुतला लटकाया गया था। इस मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) काफी भड़कते हुए नजर आए और उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'यह कर्नाटक में नूपुर शर्मा का लटका हुआ पुतला है।
बस विश्वास नहीं हो रहा है कि यह 21वीं सदी का भारत है। मैं सभी से अपील करूंगा कि राजनीति को एक तरफ छोड़ दें और अपने विवेक से काम लें। यह तो बहुत ज्यादा हो गया है।'
बता दें कि बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान के बाद देशभर में हंगामा मच गया है। देश के कई राज्यों में नूपुर शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और शुक्रवार को लोग जुमे की नमाज के बाद सड़कों पर भी उतर आए।
जहां एक तरफ यूपी के कई शहरों में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं, वहीं कर्नाटक में नूपुर का पुतला फंदे पर लटकाया गया। कर्नाटक के बेलगाम शहर में फोर्ट रोड स्थित मस्जिद के नजदीक कुछ लोगों ने नुपुर शर्मा के पुतले को सरेआम फंदे से लटका दिया। हालांकि माहौल ना बिगड़े, इसलिए पुलिस ने नगर निगम के कर्मचारियों के साथ मिलकर फौरन वहां से पुतला हटा दिया।
विवेक अग्निहोत्री ने भी जताया था पुतला लटकाने पर विरोध
कर्नाटक में सरेआम नूपुर शर्मा का पुतला लटकाए जाने पर 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) भी भड़क गए थे और उन्होंने नूपुर के खिलाफ इस तरह के प्रदर्शन पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया था।
विवेक अग्निहोत्री ने नूपुर के पुतले की फोटो पोस्ट करते हुए कहा, 'माफ करना दोस्तों यह न तो ईरान है, न इराक है और न ही सीरिया है... यह आज का भारत है। यह आज का पुतला है, अगर फौरन सजा नहीं दी गई, तो जल्द ही इस पुतले की जगह असली लोग होंगे। खिलाफत आंदोलन आज भी जिंदा है।'
उन्होंने कहा था, 'प्रिय शिक्षित मुस्लिम मित्रों, इस खिलाफत 2.0 के खिलाफ आवाज उठाने की आपकी बारी है। आपके लिए इस तरह के आतंकवाद और बर्बर व्यवहार के खिलाफ खड़े होने का समय आ गया है। अगर आप शिकायत नहीं कर सकते और शांति, सद्भाव और एकता के बारे में कुछ नहीं कर सकते तो धिक्कार है चुप रहने वालों पर।'