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NSA Ajit Doval: "देश की यूनिटी से नो कॉम्प्रोमाइज," धार्मिक वैमनस्यता को लेकर क्या बोले अजित डोभाल

NSA Ajit Doval: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग धर्म और विचारधारा के नाम पर वैमनस्यता पैदा करते हैं जो पूरे देश को प्रभावित करता है।

Reported By : Kumar Sonu Edited By : Swayam Prakash Updated on: July 30, 2022 20:16 IST
NSA Ajit Doval - India TV Hindi
Image Source : ANI NSA Ajit Doval

Highlights

  • अजित डोभाल ने धार्मिक वैमनस्यता को लेकर कही बड़ी बात
  • डोभाल बोले- धर्मगुरुओं को मिलकर काम करना होगा
  • "चंद लोग विचारधारा के नाम पर वैमनस्य पैदा करते हैं"

NSA Ajit Doval: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग धर्म और विचारधारा के नाम पर वैमनस्यता पैदा करते हैं जो पूरे देश को प्रभावित करता है। NSA ने कहा कि इसका मुकाबला करने के लिए धर्मगुरुओं को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि गलतफहमियों को दूर करने और हर धार्मिक संस्था को भारत का हिस्सा बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। 

"धार्मिक वैमनस्यता के मूकदर्शक नहीं बन सकते"

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने ‘कॉन्स्टिट्यूशन क्लब’ में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (AISSC) द्वारा आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं की मौजूदगी में यह बात कही। डोभाल ने सम्मेलन में कहा, ‘‘कुछ लोग धर्म के नाम पर वैमनस्यता पैदा करते हैं जो पूरे देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। हम इसके मूकदर्शक नहीं हो सकते। धार्मिक रंजिश का मुकाबला करने के लिए हमें एक साथ काम करना होगा और हर धार्मिक संस्था को भारत का हिस्सा बनाना होगा। इसमें हम सफल होंगे या नाकाम होंगे।’’ 

"चंद लोग विचारधारा के नाम पर वैमनस्य पैदा करते हैं"
अजित डोभाल ने आगे कहा कि यहां अलग-अलग जगह से धर्मगुरु आये हैं। दुनिया के अंदर एक अजीब सा माहौल है, कंफ्लिक्ट का माहौल है। अगर इस से निपटना है तो हमें एक रहना है। रेडिकल फोर्सेस नेगेटिविटी का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं। चंद लोग धर्म के नाम पर, विचारधारा के नाम पर वैमनस्य पैदा करते हैं जिसका असर होता है। अगर हम इसका मुकाबला करना है तो इसके लिए जमीन पर काम करना पड़ेगा। कोई गलतफहमी है तो उसे दूर करना पड़ेगा। डोभाल ने कहा कि 1915 में अफगानिस्तान में कुछ उलेमाओं ने जाकर एक सरकार बनाई और उसका प्रेसिडेंट राजा महिंदर पाल सिंह को बनाया। मतलब जिहाद तो था लेकिन विकास के लिए, एक धर्म के लिए नहीं।

PFI जैसे संगठनों को बैन करने का प्रस्ताव पारित  
NSA ने अपने संबोधन में कहा कि अब इस माहौल को सही करने की जरूरत है। इसके लिए नियत और काबिलियत की ज़रूरत है। आप सबको मिलकर काम करने की ज़रूरत है। सभी धर्मों से मिलकर काम करना है। ये तय करना है कि हम अपने देश की अखंडता यूनिटी को कॉम्प्रोमाइज नहीं होने देना है। आखिरी हिंदुस्तानी के जानमाल पर आंच आएगी तो सबको बोलना है। वहीं, AISSC के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में धार्मिक नेताओं ने ‘‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों और ऐसे अन्य मोर्चों पर प्रतिबंध लगाने’’ का एक प्रस्ताव पारित किया जो ‘‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त’’ रहे हैं। 

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