अब देश में कहीं से भी अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) ने रोजगार, शिक्षा या अन्य कारणों से गृह नगर से देश में अन्य जगह बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू कर दिया है। इस पहल से प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए वापस अपने गृह राज्य / नगर जाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
रिमोट वोटिंग की सुविधा
भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को कहा कि वह घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोट वोटिंग की सुविधा तैयार है, जिससे प्रवासी मतदाताओं को मतदान करने के लिए अपने गृह राज्यों की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है। दरअसल, आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) विकसित की है और इसके प्रदर्शन के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को आमंत्रित किया है।
एक रिमोट पोलिंग बूथ से ही 72 तक निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान
प्रोटोटाइप आरवीएम एक रिमोट पोलिंग बूथ से कई निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकता है। इसकी खूबी यह है कि यह एक रिमोट पोलिंग बूथ से ही 72 तक निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान करा सकती है। बता दें कि आम चुनाव 2019 में मतदाता मतदान 67.4 प्रतिशत था। जिस कारण चुनाव आयोग 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करने के मुद्दे के बारे में चिंतित है। साथ ही आयोग ने यह भी कहा कि विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग मतदान होते हैं।
31 जनवरी तक मांगी है आपत्ति
आयोग ने बहु-निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम सिस्टम का प्रदर्शन करने के लिए सभी मान्यता प्राप्त 08 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को 16 जनवरी 2023 को आमंत्रित किया है। इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। आयोग ने इस सिस्टम में किसी भी तरह के बदलाव या आपत्ति दर्ज कराने को लेकर मान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों से 31 जनवरी 2023 तक लिखित जवाब देने का भी अनुरोध किया है।
लगभग 85 प्रतिशत आंतरिक प्रवासन राज्यों के भीतर
ईसीआई टीम ने सभी सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए समावेशी समाधान खोजने के लिए विस्तार से विचार-विमर्श किया है और वैकल्पिक मतदान विधियों जैसे दो-तरफा भौतिक ट्रांजिट पोस्टल बैलेट, प्रॉक्सी वोटिंग, विशेष प्रारंभिक मतदान केंद्रों पर शुरूआती मतदान, एक- डाक मतपत्रों का एकतरफा या दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण (ईटीपीबीएस), इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली शामिल है। यदि यह पहल लागू कर दी जाती है तो यह प्रवासियों के लिए एक बड़ा परिवर्तन लेकर आएगी और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मददगार होगी।