अक्सर लोगों को जानवरों को खिलाने-पिलाने में काफी आनंद आता है। लेकिन क्या आपको पता है कि अब सिक्किम में बंदरों को खाना खिलाने पर आप पर भारी जुर्माना लग सकता है। जी हां, सिक्किम के वन, पर्यावरण और वन्यजीव विभाग ने कहा है कि राज्य में बंदरों को खाना खिलाना अब अपराध माना जाएगा। आइए जानते हैं पूरा मामला...
5,000 रुपये का जुर्माना
सिक्किम के वन, पर्यावरण और वन्यजीव विभाग ने जानकारी दी है कि मकाऊ प्रजाति के बंदर संरक्षित प्रजाति की सूची में आते हैं। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत इन्हें खाना खिलाने पर सख्त रूप से पाबंदी है। इन्हें खाना खिलाने वाले पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
मानव-बंदरों में बढ़ रहा संघर्ष
सिक्किम के मुख्य वन्यजीव वार्डन संदीप तांबे द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि मकाऊ प्रजाति के बंदरों को भोजन खिलाने और खाद्य अपशिष्ट के अनुचित प्रबंधन के कारण उनकी संख्या में अप्राकृतिक रूप से वृद्धि हुई है। इस कारण मानव-बंदर के बीच संघर्ष बढ़ता चला जा रहा है। नोटिस के अनुसार, इंसानों द्वारा पाले गए बंदरों में डर की भावना खत्म हो जाती है। बंदर धीरे-धीरे आक्रामक होने लगते हैं। उन्हें खाना खिलाने से वे इंसानों के पास जाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। इस कारण उनके द्वारा काटे जाने का खतरा बढ़ जाता है। इससे महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
तनाव को बढ़ाता है पका भोजन
जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि भोजन ढूंढने के बजाय जब बंदरों को बना बनाया भोजन मिलने लगता है तो वो कार्यालयों, घरों और धार्मिक स्थलों के पास डेरा जमाने लगते हैं। मानव भोजन कैलोरी से भरपूर होते हैं और आसानी से पचने योग्य होते हैं। लेकिन ये तनाव के स्तर को भी बढ़ाते हैं। इसलिए बंदरों को भोजन देने से उनके प्राकृतिक आहार पैटर्न और व्यवहार में बाधा आती है। इसके परिणामस्वरूप मानव और बंदरों के बीच आक्रामकता बढ़ती है।
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