कोहिमा: गुवाहाटी हाई कोर्ट की कोहिमा बेंच ने नागालैंड सरकार के 2020 के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें बाजार और रेस्तरां में कुत्तों के मांस के कमर्शियल इंपोर्ट एवं कारोबार और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। नागालैंड सरकार ने बोरे में बांधे मासूम कुत्तों की तस्वीर सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल होने के बाद 4 जुलाई 2020 को अपने मुख्य सचिव के जरिए कुत्तों के मांस की बिक्री, कारोबार और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हाई कोर्ट ने हालांकि अपने आदेश में सरकार के इस आदेश को रद्द कर दिया है।
जानें, हाई कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा
अदालत ने अपने एक हालिया आदेश में कहा है कि राज्य या उसके कार्यकारी अधिकारी दूसरों के अधिकारों में तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकते जब तक कि वे कानून के किसी विशिष्ट नियम का हवाला नहीं देते, जो उन्हें ऐसा करने के लिए अधिकृत करते हैं। जस्टिस मार्ली वानकुंग ने तीन लोगों, नीज़ेवोली कुओत्सु, अबेई ज़त्सु और केतोन्यूयू की याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन के लिए उपयुक्त परमादेश (रिट) जारी करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर की गई थी।
‘हमें आधिकारिक अदालती आदेश नहीं मिला’
हाई कोर्ट ने कहा, ‘याचिकाकर्ताओं के पास कोहिमा नगर परिषद द्वारा 3 जून 2020 को जारी एक आयात/निर्यात परमिट मौजूद है, जो याचिकाकर्ताओं को कोहिमा में कुत्तों के आयात की अनुमति देता है और वे पिछले कई वर्षों से कुत्तों का मांस बेचकर अपनी आजीविका अर्जित कर रहे हैं।’ कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा 4 जुलाई 2020 को जारी आदेश को निरस्त करने के लिए विवश है। इस बीच, नागालैंड के मुख्य सचिव जे.आलम ने कहा कि राज्य सरकार को अभी आधिकारिक अदालती आदेश नहीं मिला है और उसे देखने के बाद ही आगे के फैसले लिये जाएंगे। (पीटीआई)