चंडीगढ़: कुत्ते के काटने (डॉग बाइट) की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। देश के कुछ राज्यों में नगर निगमों ने कुत्ता पालने वालों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वहीं आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या भी समस्या बनी हुई है। नगर निगमों की ओर से इन आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत जो प्रयास किए जा रहे हैं वो नाकाफी साबित हो रहे हैं। इस बीच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर डॉग बाइट के पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश जारी किया है।
अदालत ने डॉग बाइट के बढ़ रहे मामलों पर जताई चिंता
इस निर्देश के मुताबिक पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा को अब डॉग बाइट पर पीड़ितों को मुआवजा देना होगा। जिस्टिस विनोद एस. भारद्वाज की बेंच ने डॉग बाइट से जुड़ी याचिकाओं का निपटारा करते यह निर्देश जारी किया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पशुओं के कारण सड़क पर होने वाले हादसों और डॉग बाइट के बढ़ रहे मामलों पर चिंता भी जताई है।
मुआवजे का निर्धारण करन के लिए समितियां गठित होंगी
हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक कुत्ते के काटने से संबंधित मामलों में जो पीड़ितों को हर दांत के निशान पर 10,000 रुपए न्यूनतम मुआवजा दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्यों के अलावा चंडीगढ़ को इस तरह के मुआवजे का निर्धारण करने के लिए समितियां बनाने के लिए कहा है। ये समितियां संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों की अध्यक्षता में गठित की जाएंगी।
डॉग बाइट की शिकायत डीडीआर में दर्ज किए जाएं-हाईकोर्ट
अगर कुत्ता किसी शिकायतकर्ता का मांस नोच लेता है तो प्रति 0.2 सेंटीमीटर घाव के लिए न्यूनतम मुआवजा 20 हजार रुपए होगा। 193 याचिकाओं का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने यह निर्देश जारी किया है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शिकायत मिलने पर पुलिस को भी डीडीआर (डेली डायरी रिपोर्ट) दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट की तरफ से जारी आदेश अनुसार जानवरों (आवारा / जंगली / पालतू) के कारण होने वाली किसी भी घटना या दुर्घटना के बारे में शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित थाने के SHO को बिना किसी अनुचित देरी के एक डेली डायरी रिपोर्ट दर्ज करनी होगी।