अयोध्या: उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार राम जन्मभूमि अयोध्या को प्रदेश कि धार्मिक राजधानी के रूप में विकसित कर रही है। यहां राम मंदिर के साथ-साथ कई ऐसे निर्माण कराये जा रहे हैं जो अयोध्या कि शान में चार चांद लगाएंगे। प्रदेश सरकार अयोध्या की पहचान आध्यात्मिक रूप से मजबूत और मजबूत कर रही है। इसी क्रम में प्रवेश द्वारों, फ्लाईओवर और निजी तथा सरकारी इमारतों की दीवारों को आध्यात्मिक थीम वाले चित्रों से रंगा जाएगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने मंदिरों के इस शहर के प्रमुख मार्गो के डिजाइन, आर्ट वर्क और कांसेप्ट तैयार करने के लिए छात्रों तथा आम लोगों के लिए प्रतियोगिता की घोषणा की है।
अयोध्या प्राधिकरण कराएगा प्रतियोगिता
अधिकारियों ने बताया कि प्रविष्टियां प्राप्त होने के बाद सर्वश्रेष्ठ डिजाइन और कला कार्यों को छांटने और चुनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एडीए के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा, रामायण, भगवान राम के जीवन और अयोध्या (यूपी) के इतिहास के ओवरऑल थीम पर आधारित भित्ति चित्र, मूर्तियां, प्रवेश द्वारों की सजावट और अन्य तत्वों की योजना बनाई जा रही है, जिसमें आधुनिक कलात्मक तकनीक और शैलियों का समावेश किया जाएगा।
चारों पथों के आसपास इमारतों को दिया जा रहा नया रूप
अगले साल राम मंदिर के तैयार होने के बाद शहर की चार प्रमुख सड़कों पर चलने वाले पैदल तथा अन्य यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए प्राधिकरण शहर को पूरी तरह से नया रूप देना चाहता है। राम पथ, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ पर प्रवेश द्वारों के नियंत्रण दिशानिर्देश भी लागू किए जा रहे हैं। इनकी इमारतों, दुकानों और अन्य संरचनाओं की बाहरी दीवारों का लुक और फील एक जैसा होगा।
इन चार मार्गों से पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बड़ी आवाजाही होने की उम्मीद
इन चारों मार्गो की न्यूनतम चौड़ाई 12 मीटर होगी। आने वाले वर्षों में इन चार मार्गों से पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बड़ी आवाजाही होने की उम्मीद है। इन पर दीवार भित्ति चित्र और आर्ट वर्क पूरा होने के बाद प्रवेश द्वारों की लाइटिंग और साजावटी कार्य भी किए जाएंगे। प्राधिकरण का प्रयास है कि दूरदराज से आने वाले भक्त को केवल मंदिर परिसर में ही नहीं बल्कि पूरे अयोध्या में राम मंदिर सा माहौल मिल सके।