इस साल की शुरुआत में 22 जनवरी के दिन अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस दौरान गर्भगृह में मौजूद थे। इसके बाद से लाखों-करोड़ों की संख्या में भक्त मंदिर में दर्न कर चुके हैं। वहीं, अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में फैसला हुआ है कि राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा की वर्षगांठ या दिवस 22 जनवरी की तारीख को नहीं मनाया जाएगा। आइए जानते हैं कि ये फैसला क्यों किया गया है और प्राण-प्रतिष्ठा दिवस की नई तारीख कौन सी है।
इस तारीख को प्राण-प्रतिष्ठा दिवस
दरअसल, सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक मणिराम दास छावनी में हुई। बैठक में संतों से परामर्श के पश्चात यह तय किया गया कि जिस प्रकार सभी हिंदू उत्सव और पर्व हिंदी तिथि एवं पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं, उसी प्रकार प्रभु श्री रामलला सरकार की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को प्रति वर्ष पंचांग अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी अर्थात कूर्म द्वादशी को मनाया जाए। इस तिथि को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में जाना जाएगा। वर्ष 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को होगी।
बैठक में अन्य फैसले भी हुए
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में कई अन्य फैसले भी हुए हैं जिनकी जानकारी दी गई है। गर्मी और वर्षा से यात्रियों को बचाने हेतु मंदिर परिसर में अस्थायी जर्मन हैंगर लगाए गए थे। अब यहां 9 मीटर चौड़े और लगभग 600 मीटर लंबे स्थाई शेड का निर्माण होगा। परिसर में यात्री सेवा केंद्र के निकट 3000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अपोलो हॉस्पिटल ,दिल्ली द्वारा अत्याधुनिक हेल्थ केयर सिस्टम विकसित किया जाएगा।
परिसर के दक्षिणी कोने में 500 लोगों के बैठने के लिए प्रेक्षागृह, अतिथि समागृह तथा ट्रस्ट का कार्यालय निर्माण के लिए महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने शिलापट्ट का अनावरण कर शुभारंभ किया।
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