भारतीय रेलवे, भारत की एक धड़कन की तरह है। रेलवे की मदद से प्रतिदिन लाखों लोग इससे एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। भारतीय रेलवे के पास लाखों टन लोहा संत कई अन्य सामान भी हैं जो कुछ समय इस्तेमाल के बाद कबाड़ का रूप ले लेते हैं। अक्सर यह कबाड़ आप रेलवे पटरियों और स्टेशन के आसपास पड़े हुए देखते होंगे।
अब रेलवे इन कबाड़ को बेंचकर सफाई के साथ-साथ कमाई भी कर रहा है। इसी क्रम में उत्तर रेलवे ने 30 नवंबर को एक दिन में अब तक की सर्वाधिक कबाड़ बिक्री का रिकॉर्ड बना दिया है। उत्तर रेलवे ने एक दिन में 30.92 करोड़ रुपये कबाड़ बेंचकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 365.37 करोड़ रुपये मूल्य की स्क्रैप बिक्री कर उत्तर रेलवे ने आनुपातिक लक्ष्य 283 करोड़ से 29.11 फीसदी अधिक आय अर्जित की है, जिसके चलते उत्तर रेलवे ने समस्त क्षेत्रिय रेलों/उपक्रमों पर प्रथम स्थान हसिल किया है।
कमाई के साथ-साथ हो रही है सफाई
स्क्रैप से राजस्व अर्जित करने के अलावा इससे परिसर को साफ सुथरा बनाए रखने में भी मदद मिलने के अलावा रेलवे लाइनों के पास से रेल के टुकड़े, स्लीपर, टाई बार आदि जैसे स्क्रैप को हटाने के बाद संभावित जोखिम कम होकर सुरक्षा भी बेहतर होती है। उत्तर रेलवे ने समय अवधि पूर्ण कर चुकी संरचनाओं जैसे कि स्टाफ क्वार्टर, केबिन, शेड, पानी की टंकी आदि को मिशन मोड में हटाने का कार्य किया है। स्क्रैप पीएससी स्लीपर जो कि उत्तर रेलवे में बड़ी मात्रा में जमा हो गए थे, के निपटान से राजस्व मिलने के अलावा इससे अन्य गतिविधियों के लिए भी रेलवे को बहुमूल्य स्थान उपलब्ध हो गया है।
मध्य रेलवे भी चला रहा है कबाड़ बेचने का अभियान
मध्य रेलवे भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा नेटवर्क माना जाता है। यहां बड़ी मात्रा में जीरो स्क्रैप मिशन चलाया जा रहा है। इस तरह का अभियान देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में पहली बार चलाया जा रहा है। अभियान के तहत मध्य रेलवे ने सभी स्टेशनों, अनुभागों, प्रतिष्ठानों, डिपो, कार्यशालाओं, शेडों, कार्यस्थलों को कबाड़ मुक्त कर रहा है। इसके अलावा सभी रेलवे स्थानों मंडलों को कबाड़ मुक्त बनाने के लिए शून्य स्क्रैप मिशन को और आगे करने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखा है।