Highlights
- पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादी हिंसा में 74 फीसदी गिरावट आई
- आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में 89 फीसदी की कमी आई
- सुरक्षा बलों के कर्मियों के मारे जाने की घटनाओं में 60 फीसदी की दल से कम हुए
दिल्ली: सरकार ने बुधवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में 2014 के बाद से सुरक्षा हालात में सुधार हुआ है और उग्रवादी हिंसा में 74 फीसदी की कमी आई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति तथा पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न उग्रवादी समूहों के साथ शांति वार्ता शुरू करने का नतीजा है कि आज पूर्वोत्तर में शांतिपूर्ण माहौल है और वहां विकास हो रहा है।
2014 की तुलना में पूर्वोतर में बदले हालात
नित्यानंद राय ने पूर्वोत्तर में उग्रवादी घटनाओं की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के उग्रवादी समूहों की समस्याओं का संविधान के दायरे में समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। सरकार की पहलों के चलते विभिन्न विद्रोही समूह बातचीत के लिए आगे आए और उन्होंने अपने अभियान रोक दिए। जिसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। परिणामस्वरूप कुछ ने तो समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए। इसके अलावा बातचीत से अलग रहने वाले समूहों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, सशस्त्र बल और राज्य पुलिस निपट रहे हैं।
बेहतर रणनीति से स्थिति में हुआ सुधार
इस बेहतर रणनीति की वजह से पूर्वोत्तर के राज्यों में 2014 के बाद से सुरक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है। 2014 से तुलना करें तो पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादी हिंसा में 74 फीसदी की कमी आई है। साथ ही आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में 89 फीसदी की और सुरक्षा बलों के कर्मियों के मारे जाने की घटनाओं में 60 फीसदी की कमी आई है। हालांकि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है लेकिन केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों में पूरी तरह से मदद कर रही है।
(इनपुट भाषा)