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मुंबई में महिला के एक्सई वैरिएंट से संक्रमित होने पर अब तक कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं: सूत्र

आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया कि मौजूदा सबूत से ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि मुंबई में मिला मामला एक्सई वेरिएंट का केस है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : April 06, 2022 23:56 IST
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Image Source : PTI FILE Representational Image.

Highlights

  • जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सरकार द्वारा बनाया गया ग्रुप ‘INSACOG’ मामले का जीनोमिक विश्लेषण कर रहा है।
  • बीएमसी के अधिकारियों ने कहा है कि एक महिला कोरोना वायपरस के नए एक्सई स्वरूप से संक्रमित हुई थी।
  • आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि वैज्ञानिक अध्ययन में अब तक इस बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं।

नयी दिल्ली: भारत में मिले XE Variant के कथित पहले केस में ट्विस्ट आ गया है। जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सरकार द्वारा बनाया गया ग्रुप ‘INSACOG’ उस मामले का जीनोमिक विश्लेषण कर रहा है जिसके बारे में बीएमसी के अधिकारियों ने कहा है कि एक महिला एक्सई स्वरूप से संक्रमित हुई थी। हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि वैज्ञानिक अध्ययन में अब तक इस बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने बुधवार को कहा कि फरवरी के अंत में दक्षिण अफ्रीका से महिला भारत आई थी और मार्च में उसके एक्सई वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

ब्रिटेन में आया था XE Variant का पहला मामला

बता दें कि XE Variant का पहला मामला ब्रिटेन में आया था। हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया कि मौजूदा सबूत से ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि यह एक्सई वेरिएंट का केस है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (इंसाकॉग) के विशेषज्ञों ने नमूने की ‘फास्टक्यू फाइल’ का विश्लेषण किया है और अनुमान लगाया है कि मुंबई की महिला को संक्रमित करने वाले वायरस की जीनोमिक संरचना एक्सई स्वरूप की जीनोमिक संरचना के अनुरूप नहीं है।’

‘इंसाकॉग मामले का जीनोमिक विश्लेषण कर रहा है’
अधिकारी ने कहा, ‘मुंबई में एक्सई से संक्रमण की पुष्टि के बाद इंसाकॉग मामले का जीनोमिक विश्लेषण कर रहा है।’ बीएमसी के अधिकारी के मुताबिक सीरो सर्वेक्षण के दौरान कोरोना वायरस के कप्पा स्वरूप के एक मामले की भी पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में 11वें बैच के 376 नमूनों के अनुक्रमण में इस परिणाम का पता चला। कप्पा स्वरूप के मामले मुंबई में पहले भी आए थे।

XE वैरिएंट क्यों है खतरनाक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के एक नए XE वेरिएंट को लेकर चेतावनी जारी की थी। माना जाता है कि यह नया XE वेरिएंट, ओमाइक्रोन सबवेरिएंट के दो पिछले वर्जन - BA.1 और BA.2 का कॉम्बिनेशन है। यह कोरोना वायरस का एक रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है, जो अब चिंता का विषय बना हुआ है। यानी यह वायरस इन दोनों को मिलकर बना है। ऐसा तब होता है, जब कोई व्यक्ति एक से अधिक वेरिएंट से संक्रमित हो जाता है। ब्रिटेन में अब तक XE स्ट्रेन ने 637 लोगों को संक्रमित किया है। इसके अलावा अन्य जगहों पर इसके मामले नहीं मिले हैं। डब्ल्यूएचओ ने एक रिपोर्ट में कहा कि XE वेरिएंट का पहली बार यूनाइटेड किंगडम में 19 जनवरी को पता चला था।

'10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है'
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नया संस्करण BA.2 सबवेरिएंट की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है, जो इसे सबसे अधिक संक्रामक बनाता है। ऐसे में हमें किन लक्षणों और संकेतों पर ध्यान देना चाहिए? चूंकि नया स्ट्रेन के ऊपर रिसर्च जारी है, इसलिए संक्रमण के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है, " विश्व स्वास्थ्य संगठन अन्य SARS-CoV-2 वेरिएंट के नए वेरिएंट के जोखिमों की बारीकी से निगरानी और आकलन कर रहा है। इसे लेकर किसी तरह के अमल पर आने के बाद बताया जाएगा"

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