Nitish Made Tejashwi CM face for 2025: बिहार के मुख्यमंत्री और राजनीति के माहिर खिलाड़ी नीतीश कुमार हमेशा मौका देखकर चौका मारने के लिए जाने जाते हैं। यही वजह है कि वह बिहार में कभी बीजेपी के साथ तो कभी आरजेडी के साथ गठबंधन कर लेते हैं। मगर खुद सीएम की कुर्सी पर लगातार बने रहते हैं। इसे नीतीश कुमार की रणनीति ही समझिये कि वह कई बार जेडीयू से ज्यादा सीटें लाने वाले आरजेडी और भाजपा का समर्थन लेने के बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर स्वयं ही बैठते रहे। कभी भी उन्होंने गठबंधन के साथी को सीएम बनने का मौका नहीं दिया। इस बार 2025 के लिए आरजेडी नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा घोषित कर नीतीश ने फिर से बड़ा खेल कर दिया है। उन्होंने ऐसा क्यों किया है, आइए आपको बताते हैं।
वर्ष 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 74 और आरजेडी ने 75 सीटें जीतीं। जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें ही मिली थीं। 243 विधानसभा सीटों वाले राज्य में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। नीतीश कुमार ने पहले भाजपा और अन्य के सहयोग से सरकार बनाई। फिर बाद में वह तेजस्वी के साथ चले गए। इससे पहले हुए चुनाव में भी उन्होंने तेजस्वी के साथ सरकार बनाई थी। मगर मुख्यमंत्री की कुर्सी नीतीश ने गठबंधन के साथी को कभी नहीं दी। इस बार भी आरजेडी को बड़ा दल होने के बावजूद तेजस्वी को सिर्फ डिप्टी सीएम बनाया। तेजस्वी को शायद उम्मीद रही होगी कि नितीश कुमार 2025 से पहले उन्हें भी सीएम की कुर्सी पर बैठने का मौका देंगे। मगर नीतीश ने ऐसा खेल खेला कि तेजस्वी भी बोल्ड हो गए और उनके भंवर में फंस गए।
2025 के लिए तेजस्वी को इसलिए बनाया चेहरा
नीतीश अगर वाकई में तेजस्वी को सीएम बनाना चाहते तो वह 2023 या 24 में ही उन्हें यह मौका दे सकते थे। मगर नीतीश को पता है कि 2025 के चुनाव में परिणाम कुछ भी हो सकता है। तेजस्वी तो सीएम तभी बनेंगे जब जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन सत्ता में आएगा। इस बार 2025 के चुनाव में एंटी इन्कंबेंसी का असर भी होगा। ऐसे में यदि गठबंधन हारा तो उसका दोष भी नीतीश कुमार पर नहीं जाएगा। 2025 के विधानसभा चुनाव में हार हुई तो सीधे उसके लिए तेजस्वी यादव ही जिम्मेदार ठहराए जाएंगे। इस बार भाजपा बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी। ऐसे में वह सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। ऐसे में भाजपा से पार पाना गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा। वहीं नीतीश कुमार अब राष्ट्रीय राजनीति में आना चाहते हैं। उन्हें पता है कि यदि 2024 में यदि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो गठबंधन सरकार में वही पीएम पद के प्रबल दावेदार होंगे। यदि ऐसा नहीं भी हुआ तो उन्हें विपक्ष के संयोजक की भूमिका तो मिल ही सकती है। क्योंकि सोनिया गांधी भी अब अस्वस्थ रहती हैं। ऐसे में वह राष्ट्रीय राजनीति में बने रहेंगे।
नीतीश ने तेजस्वी को किया खुश
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने की बात करते हुए 2025 के लिए सीएम चेहरा बना दिया है। मंगलवार को विधानसभा के शीतकालीन शत्र में नीतीश कुमार ने इशारा करते हुए कहा कि 2025 में तेजस्वी को आगे करना है। ऐसा करके उन्होंने तेजस्वी को भले ही खुश कर दिया हो, लेकिन नीतीश का यह पांसा ऐसा है कि जिसे न चाहते हुए भी तेजस्वी को स्वीकार करना पड़ रहा है। अगर नीतीश अभी से यह घोषणा नहीं करते तो उन्हें पता था कि गठबंधन के नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी उन पर 2023 या 24 में ही सीएम बनाने का दबाव बना सकते थे। इसलिए उन्होंने खेल कर दिया। नीतीश ने साफ किया कि बिहार का अगला चुनाव तेजस्वी के ही चेहरे पर लड़ा जाएगा। वह उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार बनाना चाह रहे हैं। विधायक दल की बैठक में तेजस्वी और नीतीश कुमार के साथ उनके करीबी विजय कुमार चौधरी समेत महागठबंधन के सभी 7 दल उपस्थित रहे। शराबबंदी पर चर्चा के दौरान नीतीश ने कहा कि सभी के समर्थन से यह फैसला लिया गया था, इसलिए अब उसपर अनाप-सनाप बातें नहीं करें। बैठक से पहले नीतीश ने नालंदा के रहुई में डेंटल कालेज का उद्घाटन भी किया। साथ में तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे।