इस बात में कोई शक नहीं कि जबसे नितिन गडकरी के पास सड़क एवं परिवहन मंत्रालय आया है तबसे उनके कामों की चर्चा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरे सम्मान के साथ हो रही है। नितिन गडकरी ने ये करिश्मा अपने होनहार अधिकारियों की टीम को खड़ाकर और उन पर पूरी तरह भरोसा कर, एक रोडमैप बनाकर ये अविश्वसनीय काम किया है। ना सिर्फ केंद्रीय मंत्री गडकरी, बल्कि इनके अधिकारी भी बेहद सराहनीय और रिकॉर्ड ब्रेकिंग काम कर रहे हैं। गडकरी के एक अधिकारी आशीष असाटी ने एक दिन में सबसे लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का गिनीज रिकॉर्ड कायम किया है।
बना डाला गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
रीजनल ऑफिसर आशीष असाटी के सुपरविजन में एक दिन में सबसे लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग का एक दिन में बनना रिकॉर्ड है। इस रिकॉर्ड को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज कर बकायदा आशीष असाटी के नाम गिनीज बुक ने प्रशस्ति पत्र भी दिया। साथ ही बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने भी राष्ट्रीय लोक अदालत में तेज गति से मामले के निराकरण के लिए इनका सम्मान किया। सादा जीवन उच्च विचार के मार्ग पर चलने वाले कुशल अधिकारी आशीष असाटी नितिन गडकरी की परिकल्पना को यथार्थ में कम समय में उतारकर नित नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।
1994 में आईईएस की परीक्षा की पास
छत्तीसगढ़ के स्वच्छ व छोटे सुंदर शहर में पढ़े लिखे आशीष असाटी ने 1994 में आईईएस IES की परीक्षा पास कर नेशनल हाईवे में आए। उनकी पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में पोस्टिंग हुई फिर छत्तीसगढ में हुई। इसके बाद वे दिल्ली में पदस्थ हुए। वर्तमान में अब CGM और रीजनल ऑफिसर के तौर पर NHAI नागपुर रीजनल ऑफिस में पदस्थ हैं।
आशीष के पिता भी इंजीनियर
छत्तीसगढ के एक छोटे से शहर से निकले एक प्रतिभाशाली अधिकारी की प्रतिभा का लोहा इनके नाम दर्ज रिकॉर्ड स्वयं में एक प्रमाण है। इनके माता पिता छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में रहते हैं। इनके छोटे भाई भी एक प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। पिता कोमल चंद असाटी ने भी इंजीनियरिंग कर इंजीनियर से अपनी सर्विस शुरू की थी। दो बहनें भी हैं लेकिन विशेषता ये कि पूरा परिवार प्रचार प्रसार से पूरी तरह से दूर है। यहां तक कि सोशल मीडिया में भी ये और इनके परिजन अपने कार्य को बताने में परहेज करते हैं।
बेहद सादा जीवन जीते हैं आशीष
शुद्ध-शाकाहार और संयमित जीवन जीने वाले आशीष का खान पान इतना सादा है कि वो प्याज लहसुन से भी पूरी तरह परहेज करते हैं। कहीं भी बाहर होते हैं तो फल खा लेते हैं और एक टिफिन में अपना सादा खाना रखकर लगातार बिना थके देशवासियों के लिए अपनी टीम के साथ अनवरत काम करते हैं। आशीष एक परियोजना के पूरा होते ही दूसरी महत्वाकांक्षी परियोजना में लग जाते हैं।
(रिपोर्ट- आलोक शुक्ला)
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