Highlights
- सरकारी सिस्टम पर भड़के केंद्रीय मंत्री गडकरी
- गडकरी ने कहा, देरी की वजह से परियोजनाओं के खर्च में बढ़ोतरी होती है
- सरकारी व्यवस्था और समय पर फैसला ना लेना देश के लिए नुकसान
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्र सरकार में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपने विभाग से जुड़े और अन्य सभी मुद्दों पर खुलकर बेबाकी से बात रखते रहे हैं। इस बार वो अधिकारियों और सरकारी व्यवस्था पर भड़के हैं। SCL इंडिया 2021 के सम्मेलन में गडकरी ने कहा है कि सिस्टम के लेटलतीफी के कारण कई परियोजनाओं में देरी हो रही है। खर्च बढ़ जाता है। समय पर निर्णय ना लेना और उसमें देरी करना एक बड़ी समस्या है।
ऑनलाइन सम्मेलन में गडकरी ने कहा, "मैं किसी के ख़िलाफ़ किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाना चाहता लेकिन सिस्टम के कारण अधिकतम परियोजनाओं में देरी हो रही है। सरकारी व्यवस्था में निर्णय न लेना और उसमें देरी करना एक बड़ी समस्या है।"
गडकरी ने शुक्रवार को इस कार्यक्रम में कहा कि समाधान समितियों को सड़क निर्माण परियोजनाओं से संबंधित मामलों का निपटारा तीन महीने में कर देना चाहिए। ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इन मामलों के निपटारे में देरी होने से परियोजनाओं की लागत बढ़ जाती है। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "मैंने मध्यस्थों की एक बैठक बुलाने का फैसला किया है। मैं उनसे कहुंगा कि एक निर्धारित फॉर्म बनाया जाए जिसे कोई निर्माण ठेकेदार मध्यस्थता के लिए जाना चाहे तो उसे भर सके।" गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 15 दिनों के भीतर इस आवेदन पर निर्णय करेगा और फिर मामला समाधान समिति के पास जाएगा। उन्होंने कहा, "समाधान समितियों को तीन महीनों के भीतर फैसला दे देना चाहिए। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए निर्धारित समय वाला पहलू काफी अहम है।" गडकरी ने कहा कि अधिकतर सड़क परियोजनाएं व्यवस्थागत कारणों से देर हुई हैं।