नोएडा का चर्चित निठारी कांड अब एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। 2005-2006 के नोएडा निठारी कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के खिलाफ यूपी सरकार और सीबीआई की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से चार सप्ताह की भीतर जवाब तलब किया है। आइए जानते हैं ये पूरा मामला।
याचिका में क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न और उनकी हत्या के गुनाहगार को 12 मामलों में बरी किए जाने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल सीबीआई की याचिका पर सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी किया है। सीबीआई द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि जब निचली अदालत ने मृत्युदंड सुनाया था, तब हाई कोर्ट ने उसे बरी करने का आदेश देकर गलती की।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किया था बरी
बीते साल नोएडा के चर्चित निठारी कांड के दोनों आरोपियों सुरिंदर कोली और कोली के सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया था। दोनों पर बच्चों की हत्या कर के उन्हें खाने के संगीन आरोप लगे थे जिसके बाद दोनों को 17 साल की सजा के बाद रिहा किया गया।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, साल 2006 में, नोएडा के निठारी गांव में स्थित पंढेर के डी-5 बंगले और उसके आसपास कई मानव अवशेषों की खोज के बाद नोएडा पुलिस ने दोनों आरोपियों सुरिंदर कोली और कोली के सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पर हत्या के कई मामलों का आरोप लगाया गया था। इस भयानक खबर के बाद अगले ही दिन, एक बेतहाशा अफवाह फैल गई कि दोनों ने शवों के अवशेषों को प्रेशर कुकर में पकाया और उन्हें खा लिया।
कोर्ट ने फैसले में क्या कहा था?
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुरिंदर कोली को हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत नष्ट करने के सभी आरोपों से बरी कर दिया और कहा कि उसे दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। कोली के सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को भी 17 साल पुराने मामले में बरी कर दिया गया।
ये भी पढ़ें- दिल्ली में नाइजीरिया के नागरिक की गोली मारकर हत्या, तीन गोलियां मारी