NIA Made a Plan to Eliminate Terrorists in J&K: पाकिस्तानी आतंकियों की करतूत से कराहते कश्मीर को अब हमेशा के लिए आतंक से आजादी मिलने वाली है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) ने जम्मू-कश्मीर में बिल्कुल फिल्मी अंदाज में आतंकियों की तलाश को तेज कर दिया है। एनआइए ने कश्मीर के कई हिस्सों में पोस्टर लगाए हैं। सुरक्षा एजेंसी ने ‘द रीज़िस्टन्स फ्रंट’ (टीआरएफ) के चार आतंकवादियों के बारे में जानकारी मांगी है। एनआइए अब कश्मीर में आतंकियों को चुन-चुन कर उनका खात्मा कराएगा।
कश्मीर में एनआइए की एंट्री से आतंकवादियों में खलबली मच गई है। आतंकियों को पनाह देने वाले गद्दारों के घर की दीवारें भी दहशत से कांपने लगी हैं। आतंकी चूहों की तरह अपनी जान बचाने के लिए अब इधर-उधर भाग रहे हैं। उधर भारतीय सेना ने बॉर्डर पर सतर्कता और बढ़ा दी है। साथ ही स्थानीय इलाकों में भी आतंकियों की तलाशी बढ़ा दी है। ऐसे में अब आतंकियों का बच पाना मुश्किल लग रहा है। फिलहाल एनआइए को जिन चार आतंकियों की बेसब्री से तलाश है, वह लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है।
पाकिस्तानी आतंकियों की तलाश में कश्मीर पहुंची एनआइए
एनआइए अधिकारियों ने बताया कि उन्हें जिन चार आतंकियों की तलाश है, उनमें से दो आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक हैं और वे भारत में हिंसा को अंजाम देने के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों को कट्टर बनाने, भड़काने और भर्ती करने की साज़िश के मामले में वांछित हैं। एनआइए उन्हीं की तलाश में आई है। उनके जरिये जम्मू-कश्मीर में फैले आतंक के नेटवर्क का भी पता लगाया जाएगा। एनआइए ने कहा कि कश्मीर समेत पूरे देश को आतंक से मुक्त रखना हमारा मकसद है।
एनआइए आतंकियों का पता बताने पर देगी 10 लाख का इनाम
एनाआइए ने आतंकियों का पता बताने पर 10-10 लाख रुपये का इनाम देगी। जांच एजेंसी ने चारों आतंकवादियों पर 10-10 लाख रुपये का इनाम पहले ही घोषित कर रखा है। अधिकारियों ने कहा कि पोस्टर में पाकिस्तान में सिंध के नवाब शाह का रहने वाला सलीम रहमानी उर्फ 'अबू साद' और कसूर में शांगमंगा का रहने वाला सैफुल्ला साजिद जट्ट और उनके स्थानीय सहयोगियों श्रीनगर निवासी सज्जाद गुल और कुलगाम के रेदवानी पायीन निवासी बासित अहमद डार के बारे में जानकारी मांगी गई है। एनआइए ने अपने ईमेल का पता, फोन नंबर और व्हाट्सएप व टेलीग्राम नंबर साझा कर लोगों से उनके बारे में जानकारी देने का आग्रह किया है। इसने लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।