Thursday, November 21, 2024
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सिम कार्ड, बैंक खाते और कैसे रखा गया बम? 'रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट' मामले का ISIS कनेक्शन, दाखिल हुई चार्जशीट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में 4 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए ने सभी आरोपियों की क्राइम हिस्ट्री खंगाली है। इन आरोपियों का ISIS कनेक्शन भी सामने आया है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: September 09, 2024 18:12 IST
रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले का ISIS कनेक्शन- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले का ISIS कनेक्शन

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में 4 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र (Charge Sheet) दाखिल किया है। अपनी जांच में तेजी लाते हुए एनआईए ने सोमवार को ये कार्रवाई की है। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में की गई है। 

न्यायिक हिरासत में चारों आरोपी

एनआईए ने इन सभी चारों आरोपियों पर IPC, UA(P) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और PDLP अधिनियम की धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।

इस साल 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे, ब्रुकफील्ड, आईटीपीएल बेंगलुरु में हुए IED विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे। होटल की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था। एनआईए ने 3 मार्च को मामले की जांच शुरू की थी। एनआईए ने तब विभिन्न राज्य पुलिसबलों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में कई तकनीकी और फील्ड जांच की थी। 

शाजिब ने बनाया था बम 

एनआईए की जांच से पता चला कि शाजिब वह व्यक्ति है, जिसने बम लगाया था। वह और अब्दुल मथीन अहमद ताहा पहले ही साल 2020 में अल-हिंद मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद से फरार हो गए थे। एनआईए द्वारा की गई व्यापक तलाशी के बाद रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल में उनके ठिकाने से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। 

ISIS के कट्टरपंथी थे दोनों आरोपी

कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के रहने वाले ये दोनों आरोपी ISIS के कट्टरपंथी थे। ये दोनों पहले सीरिया में ISIS के इलाकों में हिजरा (एक धार्मिक यात्रा) करने की साजिश रची थी। वे अन्य भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को ISIS की विचारधारा के प्रति कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे युवाओं में से थे। 

ताहा और शाजिब ने सिम कार्ड और बैंक खातों का किया इस्तेमाल

ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से मिले भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया था। डार्क वेब से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। जांच में आगे पता चला कि ताहा को पूर्व अपराधी शोएब अहमद मिर्जा ने मोहम्मद शहीद फैसल से मिलवाया था, जो लश्कर-ए-तैयबा बेंगलुरु षडयंत्र मामले में फरार है। 

ISIS मॉड्यूल का कनेक्शन

इसके बाद ताहा ने फैसल, अपने हैंडलर को अल-हिंद ISIS मॉड्यूल मामले में आरोपी महबूब पाशा और ISIS साउथ इंडिया के अमीर खाजा मोहिदीन और बाद में माज मुनीर अहमद से मिलवाया। ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए फंड मुहैया कराया था।

बेंगलुरु के बीजेपी ऑफिस में भी हमले की साजिश

जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने इस फंड का इस्तेमाल बेंगलुरु में कई तरह की हिंसा को अंजाम देने के लिए किया। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में भाजपा के राज्य कार्यालय पर एक IED ब्लास्ट करने की कोशिश की थी, जो कि असफल हो गया था। इसके बाद दोनों मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।  इस मामले की जांच अभी जारी है।

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