नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा बीते दिनों संसद में भारत पर आरोप लगाया गया था कि खालिस्तानी आतंकी को मारने के पीछे भारत सरकार का हाथ है। सदन में ट्रूडो द्वारा दिए गए इस बयान के बाद भारत सरकार ने भी एक्शन लिया है। भारतीय जांच एजेंसियां अब खालिस्तानी आतंकी नेटवर्क की कमर तोड़ने में जुट गई है। जांच एजेंसिया खालिस्तान नेटवर्क को आर्थिक रूप से कमजोर करने की तैयारी में हैं। जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों द्वारा जल्द ही इस मामले से जुड़े हवाला सिंडिकेट की पहचान की जाएगी और उसे ध्वस्त करने का काम किया जाएगा।
खालिस्तानियों के खिलाफ एक्शन
बता दें कि अबतक की जांच में यह सामने आया है कि हवाला सिंडिकेट थाईलैंड से होते हुए कनाडा के बीच ऑपरेट करता है। कमाड़ा में बनने वाली फिल्मों, कनाडा प्रीमियर लीग और थाईलैंड के कई बार में इस्तेमाल होने वाले निवेश का संबंध हवाला रैकेट से हैं। हाल ही में दायर चार्जशीट के मुताबिक साल 2019-21 के बीच में 13 बार हवाला के जरिए करोड़ों रुपये को थाईलैंड के रास्ते कनाड़ा भेजा गया है। बता दें कि गोल्डी बराड़ बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी लखबीर सिंह लांडा का बेहद करीबी है।
लॉरेंस बिश्नोंई से जुड़े हवाला के तार
एनआईए ने अपनी जांच में पाया था कि लॉरेंस बिश्नोई ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और अन्य राज्यों में कारोबारियों और शराब ठेकेदारों से उगाही की थी। उगाही के इस पैसे को उसने कनाड़ा में बैठे अपने करीबी गोल्डी बराड़ और सतबीर सिंह उर्फ सैम को हवाला के जरिए भेजा था। करोड़ों में ये पैसे कनाड़ा भेजे गए थे। हवाला के जरिए हिंदुस्तान से भेजे गए इन करोड़ों रुपये का इस्तेमाल खालिस्तानी आतंकियों ने हिंदुस्तान के खिलाफ साजिश में इस्तेमाल किया था। बता दें कि इससे पहले एनआईए ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की चंडीगढ़ में स्थित घर को सीज किया था।