नई दिल्ली: किसी ने शायद सोचा भी नहीं होगा कि जो यमुना नदी दिल्ली में आम दिनों में सूखी हुई रहती है, उसकी वजह से देश की राजधानी में बाढ़ भी आ सकती है। दिल्ली में 3 दिन बारिश हुई और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के काफी ऊपर आ गया। कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया। जिस दिल्ली को देश की राजधानी और विकसित होने का गौरव था, उसकी पोल खुलकर सबके सामने आ गई। निचले इलाकों से लोगों को लगातार निकाला जा रहा है। हालांकि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्लूसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर स्थिर हो गया है और यह आज रात से कम होना शुरू हो जाएगा।
यमुना के उफान पर आने के बाद कई इलाके जलमग्न हो गये
सीडब्लूसी के बाढ़ निगरानी पोर्टल के मुताबिक, पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर दोपहर एक बजे बढ़कर 208.62 मीटर हो गया था, जो शाम चार बजे तक स्थिर रहा। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के निदेशक शरद चंद्र ने बताया, "यमुना का जलस्तर स्थिर हो गया है और अगले चार घंटों में इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी। शुक्रवार तड़के तीन बजे तक इसके घटकर 208.45 मीटर तक आने की उम्मीद है।" उन्होंने कहा कि हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज पर जल प्रवाह की दर शाम चार बजे गिरकर 80,000 क्यूसेक हो गई। दिल्ली में यमुना के उफान पर आने के बाद कई इलाके जलमग्न हो गये।
यमुना में जलस्तर में वृद्धि के कारण सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे सहित सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ और नदी के आसपास रहने वाले लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। पुराने रेलवे पुल पर नदी का जलस्तर बुधवार रात 208 मीटर के निशान को पार कर गया था, जिसके बाद सीडब्ल्यूसी ने इसे "चरम स्थिति" बताया। यमुना के जलस्तर में तेजी से वृद्धि के बाद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। वहीं, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ प्रभावित इलाकों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी थी।
इनपुट - भाषा
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