Highlights
- हफ्ते में पांच दिन की जगह चार दिन जाना होगा दफ्तर, तीन दिनों का वीकली ऑफ
- किसी भी कर्मचारी को हफ्ते में केवल 48 घंटे ही दफ्तर में करना होगा काम
- ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल का नहीं करना होगा इंतजार
New Labour Codes : नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार एक जुलाई से नया लेबर कोड (New Labour Codes) लागू कर सकती है। नौकरीपेशा लोगों के लिए चार बड़े बदलाव करने की तैयारी है। यदि एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू हो जाता है तो इसका असर नौकरी पेशा लोगों की साप्ताहिक छुट्टियों और से लेकर उनकी सैलरी तक पर पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इन चार लेबर कोड्स को फाइनल रूप दे दिया है। अब इसे लागू करने की जम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी।
हफ्ते में चार दिन ड्यूटी
नया लेबर कोड लागू होने के बाद नौकरी पेशा लोगों को हफ्ते में चार दिन ही ऑफिस जाना होगा। यानी तीन दिनों का वीकली ऑफ मिलेगा। लेकिन अब दफ्तर में 8 या 9 की जगह 12 घंटे काम करने होंगे। नए कानून के मुताबिक किसी भी कर्मचारी को हफ्ते में केवल 48 घंटे ही दफ्तर में काम करना होगा। लेकिन दफ्तर पांच दिन की जगह 4 दिन ही जाना होगा।
ग्रेच्युटी के लिए पांच साल का इंतजार नहीं
साथ ही नया लेबर कोड लागू होने के बाद से नौकरीपेशा लोगों को मिलने वाली ESIC और EPDO की सुविधाएं बढ़ जाएंगी। इसके अलावा किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा। इसके साथ ही कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ जाएगी और पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा पहले से ज्यादा कटेगा। चूंकि पीएफ बेसिक सैलरी के आधार पर मिलता है इसलिए पीएएफ बढ़ने से टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी।
छुट्टी के नियमों में भी बदलाव
नए लेबर कोड में छुट्टी को लेकर भी नियमों में बदलाव किया गया है। इस कोड के लागू होने के बाद कर्मचारी 240 दिन के बजाय 180 दिन काम के बाद ही छुट्टी पाने के हकदार बन जाएंगे। साथ ही कार्यस्थल पर अगल कर्मचारी को किसी तरह जख्मी हो जाता है या चोट लग जाती है तो उसे कम से कम 50 फीसदी का मुआवजा मिलेगा।
दो दिन के अंदर मिलेगी पूरी सैलरी
अब कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने, बर्खास्तगी या छंटनी के दो दिनों के अंदर ही पूरी सैलरी मिल जाएगी।इसके साथ ही महिला श्रमिकों को उनकी सहमति से ही नाइट शिफ्ट की ड्यूटी दी जा सकती है। महिलाओं को नाइट शिफ्ट ड्यूटी के लिए पर्याप्त सुरक्षा और सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। महिला श्रमिकों का मातृत्व अवकाश12 से बढ़ाकर 26 हफ्ते करने का प्रावधान किया गया है।