Subhash Chandra Bose: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करेंगे, लेकिन इस कार्यक्रम में बोस की बेटी अनीता बोस फाफ शामिल नहीं होंगी। हालांकि वह प्रधानमंत्री से मिलकर बोस के अवशेष भारत लाने की “शर्तों और प्रक्रिया” पर चर्चा करेंगी। लगभग 80 वर्षीय बोस फाफ ने कहा कि वह चाहती हैं कि ताइपे में हुई विमान दुर्घटना में बोस की मौत के बाद से अब तक जापान के रेनकोजी टेंपल में रखे उनके अवशेषों को उचित सम्मान के साथ वापस लाया जाए।
पिता के अवशेष भारत लाने की शर्तों और प्रक्रिया पर चर्चा करेंगी बेटी
पेश से अर्थशास्त्री बोस फाफ कहा, “मैं प्रधानमंत्री से मुलाकात करके अपने पिता के अवशेष भारत लाने की शर्तों और प्रक्रिया पर चर्चा करूंगी।” बोस फाफ ने कहा कि उन्हें नेताजी की प्रतिमा के अनावरण में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, लेकिन कम समय होने कारण उनके लिए जर्मनी से यहां आना मुश्किल होगा। इंडिया गेट पर उस स्थान पर प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है, जहां दशकों पहले किंग जॉर्ज पंचम की तस्वीर लगी थी, जिनके खिलाफ बोस ने विद्रोह किया था।
प्रधानमंत्री से मिलना चाहती है नेताजी की बेटी
बोस फाफ ने कहा, “मैं भारत आकर प्रधानमंत्री से मिलना चाहती थी...लेकिन मैं समझती हूं कि वह इस समय व्यस्त हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी भारत की यात्रा पर हैं।” उन्होंने कहा कि, “मैं अवशेषों की वापसी के मुद्दे पर देश के नेतृत्व के साथ व्यक्तिगत रूप से चर्चा नहीं कर पाई हूं। इस मामले पर मेरी बात सिर्फ प्रणब मुखर्जी (तत्कालीन नरसिम्हा राव कैबिनेट में तत्कालीन विदेश मंत्री) से हुई थी।”
साल 1995-96 में पी.वी. नरसिंह राव सरकार रेनकोजी में रखे कलश को भारत लाने की तैयारी में थी। माना जाता है कि उस कलश में सुभाष चंद्र बोस के नश्वर अवशेष रखे हैं।