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NEET PG Counselling: सुप्रीम कोर्ट से रेजिडेंट डॉक्टर्स को मिली राहत, जारी रहेगा EWS कोटा

सुप्रीम कोर्ट ने इस सत्र के लिए सरकार की 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण योजना को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा NEET एडमिशन में EWS कैटेगरी के लिए भी 10 प्रतिशत ऑल-इंडिया कोटा (AQI) को भी मंजूरी मिल गई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 07, 2022 12:47 IST
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

Highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने नीट OBC, EWS कोटा मामले पर अपना फैसला सुना दिया
  • कोर्ट ने इस सत्र के लिए सरकार की 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण योजना को मंजूरी दे दी
  • EWS कैटेगरी के लिए भी 10 प्रतिशत ऑल-इंडिया कोटा (AQI) को भी मंजूरी मिल गई

NEET PG Counselling: सुप्रीम कोर्ट ने नीट OBC, EWS कोटा मामले पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस सत्र के लिए सरकार की 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण योजना को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा NEET एडमिशन में EWS कैटेगरी के लिए भी 10 प्रतिशत ऑल-इंडिया कोटा (AQI) को भी मंजूरी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सत्र के लिए जारी आरक्षण को मंजूरी देते हुए कहा कि आगे के सेशन के लिए कोटा सीटों पर आरक्षण के मामले पर कोर्ट मार्च के महीने में सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स लंबे समय से काउंसलिंग शुरू करने की मांग कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद PG काउंसलिंग और एडमिशन का रास्ता साफ हो गया है। MCC बहुत जल्द काउंसलिंग की डेट्स जारी कर सकता है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए नीट पीजी की काउंसलिंग पहले के मानदंडों के आधार पर ही होगी। पीठ ने कहा कि आने वाले वर्षों में ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख की आय संबंधी मानदंड की वैधता पर निर्णय याचिकाओं पर सुनाई के बाद ही लिया जाएगा। पीठ ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख तय की है।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ से कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण असंवैधानिक है, यह कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है। मेहता ने कहा, ‘सबसे पहले, मैं इस भ्रम को दूर करना चाहता हूं कि खेल के नियमों में बीच में बदलाव हुआ है। हम ‘गोलपोस्ट’ नहीं बदल रहे हैं। खेल के नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जिस विषय को चुनौती दी गई है वह 2019 से ही लागू है।’

कुछ उम्मीदवारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा था कि अगर शीर्ष अदालत इस साल नीट-एआईक्यू में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की अनुमति देना चाहती है तो यह मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एस.आर.सिन्हा द्वारा अनुशंसित 2.5 लाख रुपये वार्षिक आय मानदंड पर आधारित होना चाहिए, न कि केंद्र द्वारा निर्धारित आठ लाख रुपये की सकल वार्षिक आय सीमा होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और शुक्रवार को इस मामले पर अपना फैसला सुना दिया है।

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