Highlights
- एसयूवी, कार, जीप दुर्घटनाओं के कारण 23,531 मौते हुई
- मध्य प्रदेश में 3,423 में मौतें हुईं
- पैदल चलने वाले 18,936 लोगों की मौत हुई
NCRB Accident Report 2021: देश के प्रत्येक कोने में हर रोज सड़क दुर्घटना में सैकड़ो लोगों की जान चली जाती है। ऐसे कई मामले पाए जाते हैं जिसमें बाइक चलाने वाले व्यक्ति की कोई भुमिका नहीं होती है लेकिन फिर भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। आमतौर पर बाइक चालने लोगों को देखा गया है कि ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं जिसके कारण घटनाएं होती है। हाल ही में एनसीआरबी (NCRB)ने रिपोर्ट जारी किया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में सड़क हादसों में 1,55,622 लोगों की जान चली गई। वही सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन चलाने वाले लोगों की सबसे अधिक मौत हुई है। एनसीआरबी के मुताबिक, लगभग 70 हजार लोगों की जान सिर्फ बाइक दुर्घटना में हुई है। कुल सड़क दुर्घटनाओं में 44.5 प्रतिशत का योगदान कह सकते हैं। इसके बाद कार दुर्घटना में 23,531 और ट्रकों या लॉरियों से 14,622 लोगों की मौते हुई है।
सबसे अधिक मौत इस प्रदेश में हुई है
तमिलनाडु में 8,259 और उत्तर प्रदेश 7,429 में दोपहिया दुर्घटनाओं के कारण सबसे अधिक मौत हुई है, जो दोपहिया वाहनों के कारण हुई कुल मौतों का क्रमश: 11.9% और 10.3% है। एसयूवी, कार, जीप दुर्घटनाओं के कारण 23,531 मौते हुई जिनमें 4,039 मौत उत्तर प्रदेश में हुई हैं। वही बात करें तो ट्रक, लॉरी और मिनी ट्रकों से घटी घटनाओं की तो 14,622 घटनाएं हुई जिनमें मध्य प्रदेश में 3,423 में मौतें हुईं।उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बसों के कारण हुई कुल भीषण सड़क दुर्घटनाओं में से कुल 28.9% (4,622 में से 1,337) और 11.9% (4,622 में से 551) क्रमशः दर्ज की गईं।
पैदल चलने वालों की इतनी हुई मौत
पूर देश में सड़क पर पैदल चलने वाले 18,936 लोगों की मौत हुई जिनमें बिहार में कुल संख्या तुलना में 2,796 पैदल चलने वालों की मौत हुई। 2021 साल की शुरुआत की बात करे तो सबसे अधिक दुर्घटना जनवरी के महीने हुईं है। जनवरी में 40,235 मामले आए जो कुल सड़क दुर्घटनाओं में 10 फिसदी है। अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं की समय दे देखा जाए तो सबसे अधिक घटना शाम 6 बजे से लेकर रात 9 बजे हुई है। टोटल मामले 4,03,116 हुई इसमें 6 बजे से लेकर रात के 9 बजे 81,410 घटनाएं हुई। जो कुल सड़क दुर्घटनाओं का 20.2 प्रतिशत हिस्सा है। शाम 06:00 बजे से रात के 09:00 के दौरान तमिलनाडु 14,415, मध्य प्रदेश 9,798 और केरल 6,765 मामले में अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं।
वही बात करे '03:00 बजे से 06:00 बजे शाम तक 71,711 मामले हुए और 12:00 बजे से 03:00 बजे दिन के दौरान 62,587 मामले दर्ज किए गए। एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटनाओं के कुल 1,899 मामले भी सामने आए जिसमें 1,214 लोग घायल हुए और 1,356 लोगों की मौत हुई। सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई हैं, जिनकी संख्या 53,615 है इसके अलावा राज्य राजमार्ग 39,040 मौतें हुए। वही अन्य सड़कों पर सड़क दुर्घटनाओं के कारण कुल 62,967 लोगों की मौत हुई।
एक्सप्रेसवे पर सबेस अधिक मौत हुई
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश-वार पैटर्न से पता चला कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं, जिसमें 53,615 मौतों में से 7,212 मौतें हुईं इसके बाद तमिलनाडु 5,360 और महाराष्ट्र 3,996 मौतें हुईं। उसी दौरान राजस्थान 3,653 और आंध्र प्रदेश 3,602 मौतें हुई। देश में राज्य राजमार्गों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं तमिलनाडु 18,560 मामले सामने आए। वही राज्य राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौत की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 5,891 लोगों की जान गई। जो राज्य राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई कुल मौतों का 15.1 फिसदी आकंड़ा था इसके बाद तमिलनाडु 5,067 मौत हुआ था। एक्सप्रेसवे पर सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुए इनसमें 965 लोगों की जान गवानी पड़ी थी। इसके बाद हरियाणा 9.3%, महाराष्ट्र 6.4%, पंजाब 3.2%, और पश्चिम बंगाल 3.0% के दर से घटनाएं सामने आए थे।