Highlights
- 27 साल के मोहन के सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम है।
- सुरक्षाबल को देखते ही नक्सली भागने लगे थे।
- जवानों ने घेराबंदी कर मोहन को पकड़ लिया।
Naxalite Arrested: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों ने 5 लाख रुपये के इनामी नक्सली को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिले के पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के अंतर्गत उपमपल्ली और गोंदपल्ली गांव के मध्य जंगल में सुरक्षाबलों ने केरलापाल एरिया कमेटी के एरिया कमांड इन चीफ माड़वी मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया है। 27 साल के मोहन के सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम है।
‘सुरक्षाबल को देखते ही नक्सली भागने लगे’
अधिकारियों ने बताया कि जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत शुक्रवार रात पोलमपल्ली थाना से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, DRG और जिला बल के संयुक्त दल को तोंगगुड़ा, उपमपल्ली और गोंदपल्ली गांव की ओर रवाना किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब सुरक्षाबलों के जवान गोंदपल्ली गांव के जंगल और पहाड़ी से उपमपल्ली गांव की ओर आगे बढ़ रहे थे, तब जंगल में करीब 12 वर्दीधारी और सादे वेशभूषा में हथियारबंद नक्सली दिखे। हालांकि, नक्सली सुरक्षाबल को देखते ही भागने लगे।
‘माड़वी मोहन पर दर्ज हैं कुल 29 मामले’
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों के जवानों ने नक्सलियों का पीछा किया और घेराबंदी कर मोहन को पकड़ लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने नक्सली मोहन से एक भरमार बंदूक, एक पिटूठू बैग (जिसके भीतर 5 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 3 जिलेटिन रॉड, एक दिशा सूचक यंत्र था) और अन्य सामान बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि नक्सली माड़वी मोहन वर्ष 2009 से नक्सली संगठन में काम कर रहा है और उसके खिलाफ जिले के केरलापाल, गादीरास और फुलबगड़ी थाना में हत्या, लूट, डकैती, आगजनी, हत्या का प्रयास, पुलिस दल पर हमला जैसे 29 मामले दर्ज हैं।
‘हिड़वा के पुवर्ती गांव का निवासी है कार्तिक’
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ मामलों में उसके खिलाफ अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। वह बटालियन कमांडर हिडमा के गांव पुवर्ती का निवासी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान मोहन ने पुलिस को जानकारी दी कि दक्षिण बस्तर डिवीजन में लगातार सुरक्षा शिविरों के निर्माण और विकास कार्य होने से नक्सलियों को पिछले कुछ वर्षों में अपने बहुत से सुरक्षित इलाकों को छोड़ना पड़ा है। उसने बताया कि केरलापाल क्षेत्र में लगातार नक्सलियों के सरेंडर से संगठन कमजोर हो गया है।