Highlights
- 1988 के रोड रेज केस में सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से सजा
- नवजोत सिंह सिद्धू को तुरंत हिरासत में लिया जाएगा
- पहले 1000 रुपये का जुर्माना देकर छूट गए थे सिद्धू
Navjot Singh Sidhu Sentenced: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई है। 1988 के रोड रेज केस में सिद्धू को ये सजा सुनाई गई है। जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस एस के कौल की पीठ ने सिद्धू को दी गई सजा के मुद्दे पर पीड़ित परिवार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया। हालांकि शीर्ष अदालत ने मई 2018 में सिद्धू को मामले में 65 वर्षीय व्यक्ति को "जानबूझकर चोट पहुंचाने" के अपराध का दोषी ठहराया था, लेकिन 1,000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
मैं कानून का सम्मान करता हूं- सिद्धू
बता दें कि सिद्धू की सजा बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिद्धू को तुरंत कस्टडी में लिया जाएगा। सिद्धू के सामने अब क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का ऑप्शन है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सिद्धू ने ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में सिद्ध ने लिखा है, ''मैं कानून का सम्मान करता हूं।''
1988 में क्या हुआ? जानिए पूरा मामला
मामला दिसंबर 1988 में पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत से जुड़ा है, जब नवजोत सिंह सिद्धू और एक दोस्त ने रोड रेज की घटना में उस पर हमला किया था। 27 दिसंबर, 1988 को सिद्धू और रूपिंदर सिंह संधू ने कथित तौर पर पटियाला में शेरनवाला गेट क्रॉसिंग के पास सड़क के बीच में अपनी जिप्सी खड़ी की थी। जब 65 वर्षीय गुरनाम सिंह एक कार में मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने उन्हें एक तरफ हटने के लिए कहा। इसके बाद सिद्धू ने सिंह की पिटाई कर दी। उन्होंने कथित तौर पर भागने से पहले सिंह की कार की चाबियां भी फेंक दीं ताकि उन्हें मेडिकल हेल्प ना मिल सके।
सितंबर 1999 में, सिद्धू को हत्या से बरी कर दिया गया था, लेकिन दिसंबर 2006 में, पंजाब और हरियाणा HC ने उन दोनों को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया। साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सिद्धू और संधू ने बाद में सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी।
प्वाइंटस में समझें, नवजोत सिद्धू को क्यों हुई सजा?
- 1988 में पार्किंग को लेकर बुजुर्ग से झगड़ा
- पटियाला में पार्किंग को लेकर विवाद हुआ था
- नवजोत सिद्धू के थप्पड़ से बुजुर्ग की मौत हुई
- 1999 में सेशन कोर्ट ने केस खारिज किया
- 2006 में हाईकोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराया
- हाईकोर्ट ने सिद्धू को 3 साल की सजा सुनाई
- SC ने सिद्धू को 1 हजार का जुर्माना लगाकर छोड़ा
- फैसले के खिलाफ पीड़ित परिवार ने अपील की थी