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Navjot singh Sidhu: क्लर्क बने नवजोत सिद्धू, जेल की फाइलें देखने का काम मिला, पढ़िए पूरी डिटेल

Navjot singh Sidhu: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू क्रिकेटर, कमेंटेटर के बाद अब क्लर्क बन गए हैं। 34 साल पुराने रोड रेज मामले में पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद सिद्धू को पटियाला जेल के दफ्तर का 'बाबूगिरी' काम सौंपा गया है।

Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: December 16, 2022 7:16 IST
Navjot singh Sidhu- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Navjot singh Sidhu

Highlights

  • जेल दफ्तर की फाइलों का काम देखेंगे
  • 3 महीने बिना वेतन के करेंगे क्लर्क वाला काम
  • सुरक्षा के चलते फैक्ट्री में नहीं लगाया

Navjot singh Sidhu: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू क्रिकेटर, कमेंटेटर के बाद अब क्लर्क बन गए हैं। 34 साल पुराने रोड रेज मामले में पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद सिद्धू को पटियाला जेल के दफ्तर का 'बाबूगिरी' काम सौंपा गया है। जेल में सुरक्षा के लिहाज से सिद्धू के लिए यह फैसला लिया गया है। खास बात यह है कि भले ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से सिद्धू को एक वर्ष के लिए सश्रम कैद की सजा सुनाई गई है लेकिन जेल विभाग ने उनसे पूरी सजा के दौरान क्लरिकल काम लेने का ही फैसला लिया है। 

जेल दफ्तर की फाइलों का काम देखेंगे

सिद्धू की सुरक्षा को देखते हुए वह जेल दफ्तर का काम बैरक से ही करेंगे। सिद्धू को रोजाना जेल दफ्तर की फाइलें भिजवाई जाएंगी। उनकी ड्यूटी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक होगी। इस दौरान वह कभी भी फाइलों का काम कर सकते हैं।

3 महीने बिना वेतन के करेंगे क्लर्क वाला काम

सिद्धू को अभी काम के बदले कोई वेतन नहीं मिलेगा। सिद्धू को क्लेरिकल का कोई एक्सपीरिएंस नहीं है। ऐसे में अभी वह अकुशल कर्मचारी हैं। 3 महीने बाद उन्हें अर्धकुशल होने पर 30 रुपए प्रतिदिन और फिर कुशल होने पर 90 रुपए दिए जाएंगे।

सुरक्षा के चलते फैक्ट्री में नहीं लगाया

सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने बामशक्कत कैद दी है। ऐसे में उनसे फैक्ट्री या बेकरी में काम लिया जा सकता था। हालांकि, सिद्धू की सुरक्षा भी चिंता का विषय है। फैक्ट्री और बेकरी में दूसरे कई हार्डकोर कैदी काम करते हैं। ऐसे में सिद्धू को उनसे दूर रखते हुए दफ्तर में लगाया गया।

जेल सुपरिटेंडेंट बोले- पूरा सहयोग कर रहे सिद्धू

पटियाला सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट मनजीत सिंह टिवाणा ने कहा कि सिद्धू पढ़े-लिखे हैं, इसलिए उन्हें दफ्तर का क्लेरिकल कामकाज सौंपा गया है। उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि सिद्धू जेल में पूरा सहयोग कर रहे हैं।

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