Highlights
- 27 दिसंबर 1988 को हुआ था बुजुर्ग से झगड़ा
- सेशन कोर्ट ने किया बरी, हाईकोर्ट ने दी सजा
- सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना लगाकर छोड़ा
Navjot sidhu Road Rage Case: रोडरेज मामले सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाने के बाद सिद्धू को हिरासत में लिया जाएगा। कोर्ट ने अपना पुराना फैसला बदला है। यह मामला करीब 34 साल पुराना है। जब नवजोत सिद्धू और उनके दोस्त का पटियाला में पार्किंग को लेकर झगड़ा हो गया था। इसमें 65 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी। सिद्धू को इस मामले में हाईकोर्ट से सजा हुई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या के आरोप को खारिज कर दिया था। इसके बाद 2 साल पहले परिजनों ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी। सिद्धू के वकीलों ने इस याचिका का विरोध किया।
27 दिसंबर 1988 को हुआ था बुजुर्ग से झगड़ा
सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया था। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।
सेशन कोर्ट ने किया बरी, हाईकोर्ट ने दी सजा
इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा। सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना लगाकर छोड़ा
हाईकोर्ट से मिली सजा के खिलाफ नवजोत सिद्धू सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304IPC से बरी कर दिया। हालांकि, धारा 323 आईपीसी यानी चोट पहुंचाने के मामले में सिद्धू को दोषी ठहरा दिया गया। इसमें उन्हें जेल की सजा नहीं हुई। सिद्धू को सिर्फ एक हजार रुपया जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया।
पीड़ित परिवार की यह मांग
सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ अब मृतक के परिवार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। उनकी मांग है कि हाईकोर्ट की तरह सिद्धू को 304IPC के तहत कैद की सजा होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया। जिस पर आज फैसला आ सकता है।