Highlights
- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने शुरू किया अच्छा अभियान - पीएम मोदी
- ऐसे सभी क्षेत्रों पर काम करना होगा, जो अभी तक उपेक्षित रहे - PM मोदी
- 16 जुलाई से एक अभियान ‘रिलीज UTRC@75’ शुरू किया गया - किरण रिजिजू
Narendra Modi: भारत की धीमी न्याय व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल खड़े किये जाते हैं। देश की न्याय व्यवस्था में धीमी रफ़्तार की वजह से जेलों में कई सालों तक कैदी विचारधीन रहते हैं और बाद में पता चलता है कि वे अपराधी नहीं थे। इसी को लेकर आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग्रह किया कि न्यायपालिका विभिन्न कारागारों में बंद एवं कानूनी मदद का इंतजार कर रहे विचाराधीन कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया में तेजी लाए। पीएम मोदी ने अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पहली बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि व्यवसाय की सुगमता और जीवन की सुगमता जितनी महत्वपूर्ण है, न्याय की सुगमता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
ऐसे सभी क्षेत्रों पर काम करना होगा, जो अभी तक उपेक्षित रहे - PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "कारागारों में कई विचाराधीन कैदी कानूनी मदद मिलने का इंतजार कर रहे हैं। हमारे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विचाराधीन कैदियों को कानूनी सहायता मुहैया कराने की जिम्मेदारी ले सकते हैं।" पीएम मोदी ने सम्मेलन में भाग लेने वाले जिला न्यायाधीशों से आग्रह किया कि वे विचाराधीन मामलों की समीक्षा संबंधी जिला-स्तरीय समितियों के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यालयों का उपयोग करके विचाराधीन कैदियों की रिहाई में तेजी लाएं। आजादी के 75 साल का ये समय हमारे लिए कर्तव्य काल का समय है। हमें ऐसे सभी क्षेत्रों पर काम करना होगा, जो अभी तक उपेक्षित रहे हैं।
कार्यक्रम में केंद्रीय कानून व न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि देश में जन-जन तक न्याय की पहुंच आज भी एक बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है। किरेन रिजिजू ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी को रिहाई के लिए कैदियों की पहचान करने और उपयुक्त मामलों में रिहाई की सिफारिश करने के लिए 16 जुलाई से एक अभियान ‘रिलीज UTRC@75’ शुरू किया है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने शुरू किया अच्छा अभियान - पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस मामले में एक अभियान शुरू किया है। उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इस प्रयास में और अधिक वकीलों को जोड़ने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा कि किसी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है। इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है।