Highlights
- महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप
- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत थे नरेंद्र गिरि
- प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में 11 महीनों से बंद था आनंद गिरि
Narendra Giri Death Case: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पिछले 11 महीने से नैनी केंद्रीय कारागार में बंद आनंद गिरि को शुक्रवार की सुबह चित्रकूट जेल ट्रांसफर कर दिया गया। नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने बताया कि प्रशासनिक और सुरक्षा कारणों से आनंद गिरि को आज सुबह चित्रकूट जेल ट्रांसफर कर दिया गया। मालूम हो कि महंत नरेंद्र गिरि पिछले साल 20 सितंबर को अपने श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में एक कमरे में मृत पाए गए थे। नरेंद्र गिरि के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें आनंद गिरि पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।
"जेल प्रशासन कर रहा आनंद गिरि का उत्पीड़न"
आनंद गिरि के वकील विजय कुमार द्विवेदी ने नैनी जेल प्रशासन पर आनंद गिरि का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार आयोग, महानिदेशक जेल और प्रमुख सचिव (गृह) को पत्र लिखा है। द्विवेदी का आरोप है कि वह 16 अगस्त 2022 को अपने साथी वकील बृज बिहारी के साथ अपने मुवक्किल आनंद गिरि से विधिक वार्ता के लिए नैनी जेल गए थे तो उनके सामने ही जेलर आरके सिंह ने आनंद गिरि के साथ गाली गलौज की और जेल में ही उनकी हत्या कराने की धमकी दी। उनका आरोप है कि जब उन्होंने बीच बचाव कराने की कोशिश की तो सिंह ने उन्हें गालियां भी दीं।
प्रशासनिक कारणों से चित्रकूट जेल भेजा गया
आनंद गिरि के वकील का आरोप है कि उनके मुवक्किल आनंद गिरि को स्नान और पूजा पाठ के लिए केवल एक घंटे का समय दिया जाता है और बाकी समय उन्हें जेल में बंद रखा जाता है। इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक पी एन पांडेय ने कहा, “अधिवक्ता के आरोपों पर हम क्या प्रतिक्रिया दें, अधिवक्ता अदालत में पक्ष रखने के लिए है। आनंद गिरि को प्रशासनिक कारणों से चित्रकूट जेल भेजा गया है।” उल्लेखनीय है कि महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच शासन ने सीबीआई को सौंप दी थी और प्रयागराज की जिला अदालत में उन पर मुकदमा चल रहा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में गिरि की जमानत याचिका लंबित है।