Highlights
- इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने दामाद को दी बधाई
- कहा- हमें उन पर गर्व है, वह यूके के लिए बेहतर काम करेंगे
- एमबीए कोर्स के दौरान हुई थी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता से ऋषि की मुलाकात
Narayana Murthy On Rishi Sunak: इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने अपने दामाद ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ऋषि यूनाइटिड किंगडम के लोगों के लिए बेहतर काम करेंगे। गौरतलब है कि ऋषि सुनक ने इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता से शादी की है। इन दोनों की मुलाकात स्टैनफोर्ड में एमबीए कोर्स के दौरान हुई थी। ऋषि और अक्षता के दो बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं।
बता दें कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। भारत के लिए ये गर्व की बात है। वह पहले ऐसे भारतवंशी हैं, जो ब्रिटेन में इतने बड़े पद पर पहुंचे हैं। पेनी मॉरडॉन्ट के नाम वापस लेने के बाद ऋषि का प्रधानमंत्री बनना तय हो गया था। ऋषि सुनक के समर्थन में 180 से ज्यादा सांसद थे और अब ये कहा जा रहा है कि वह 28 अक्टूबर को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं और 29 अक्टूबर को कैबिनेट का गठन किया जा सकता है।
पीएम मोदी ने भी दी ऋषि को बधाई
पीएम मोदी ने भी ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को बधाई दी है। उन्होंने कहा, 'ऋषि सुनक को हार्दिक बधाई। जैसे ही आप यूके के पीएम बनते हैं, मैं वैश्विक मुद्दों पर एक साथ मिलकर काम करने और रोडमैप 2030 को लागू करने के लिए तत्पर हूं। ब्रिटेन के भारतीयों के 'जीवित पुल' को विशेष दिवाली की शुभकामनाएं, क्योंकि हम अपने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक साझेदारी में बदलते हैं।'
कौन हैं ऋषि सुनक
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में हुआ था। उनके पिता डॉक्टर और मां एक क्लीनिक चलाती थीं। ऋषि के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। इस लिहाज से ऋषि की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। ऋषि तीन बहन-भाई में सबसे बड़े हैं।
ऋषि के पिता का जन्म केन्या और मां तंजानिया से हैं। ऋषि ने राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से की है। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए थे। ऋषि ने फिलोसॉफी, इकॉनोमिक्स और एमबीए की पढ़ाई की है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋषि सुनक गोल्डमैन सैक्स के साथ काम कर चुके हैं और फिर वह हेज फंड फर्म्स में पार्टनर बन गए। इसके बाद ऋषि ने एक ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की।