Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. 'गिने-चुने मुसलमान ही सहिष्णु, मकसद होता है उपराष्ट्रपति-राज्यपाल बनना', केंद्रीय मंत्री बघेल का बयान

'गिने-चुने मुसलमान ही सहिष्णु, मकसद होता है उपराष्ट्रपति-राज्यपाल बनना', केंद्रीय मंत्री बघेल का बयान

केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी सूचना आयुक्त उदय माहुरकर द्वारा कार्यक्रम में दिए गए भाषण के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को इस्लामी कट्टरवाद से लड़ना चाहिए, लेकिन “सहिष्णु मुसलमानों को साथ लेना चाहिए”।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: May 09, 2023 15:02 IST
SP Singh Baghel- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने एक विवादास्पद बयान देते हुए दावा किया कि “सहिष्णु मुसलमानों को उंगलियों पर गिना जा सकता है” और यह भी “मुखौटा लगाकर सार्वजनिक जीवन जीने का एक हथकंडा है” क्योंकि यह रास्ता उपराष्ट्रपति, राज्यपाल या कुलपति जैसे पदों तक पहुंचाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि समुदाय के ऐसे “तथाकथित बुद्धिजीवियों” का वास्तविक चेहरा उनके कार्यालय में अपना कार्यकाल पूरा करने या सेवानिवृत्त होने के बाद सामने आता है।

'उंगलियों पर की जा सकती है सहिष्णु मुसलमानों की गिनती'

केंद्रीय विधि और न्याय राज्यमंत्री ने यह टिप्पणी सोमवार को देव ऋषि नारद पत्रकार सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मीडिया इकाई इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र द्वारा पत्रकारों को पुरस्कार प्रदान करने के लिए किया गया था। बघेल ने कहा, “सहिष्णु मुसलमानों की गिनती उंगलियों पर की जा सकती है। मेरे विचार से उनकी संख्या हजारों में भी नहीं है। और यह भी मुखौटा लगाकर सार्वजनिक जीवन जीने का हथकंडा है क्योंकि यह मार्ग उपराष्ट्रपति, राज्यपाल या कुलपति के घर की ओर जाता है।” उन्होंने कहा, “लेकिन जब वे सेवानिवृत्त होते हैं, तब असली बयान देते हैं। जब कुर्सी छोड़ते हैं, तब वो एक बयान देते हैं जो उनकी वास्तविकता दर्शाता है।”

सूचना आयुक्त ने क्या कहा था?
केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी सूचना आयुक्त उदय माहुरकर द्वारा कार्यक्रम में दिए गए भाषण के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को इस्लामी कट्टरवाद से लड़ना चाहिए, लेकिन “सहिष्णु मुसलमानों को साथ लेना चाहिए”। अपने शासन के दौरान मुगल बादशाह अकबर के हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के प्रयासों का जिक्र करते हुए, माहुरकर ने दावा किया कि छत्रपति शिवाजी ने उन्हें “सकारात्मक रोशनी” में देखा था। उन्होंने कहा, “अकबर ने हिंदू-मुस्लिम एकता हासिल करने की पूरी कोशिश की”।

बघेल ने हालांकि टिप्पणी को खारिज करते हुए अकबर के प्रयासों को महज “रणनीति” करार दिया और आरोप लगाया कि मुगल बादशाह की जोधा बाई से शादी उनकी “राजनीतिक रणनीति” का हिस्सा थी। उन्होंने कहा, “यह उनका दिल से उठाया गया कदम नहीं था। नहीं तो चित्तौड़गढ़ का नरसंहार न होता। मुगल काल को देखिए...औरंगजेब के कृत्य। कई बार मैं हैरान हो जाता हूं कि हम जिंदा कैसे रहे।” बघेल ने कहा कि भारत के बुरे दिन 1192 ईस्वी में शुरू हुए जब मुहम्मद गौरी ने राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान को हराया था।

धर्मांतरण के मुद्दे पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
बघेल ने धर्मांतरण का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि जिन लोगों को “गंडे-ताबीज” के माध्यम से दूसरे धर्म में परिवर्तित किया गया है, उनकी संख्या तलवार के डर से ऐसा करने वालों की तुलना में अधिक है। उन्होंने कहा, “वह चाहे ख्वाजा गरीब नवाज साहेब हों, हजरत निजामुद्दीन औलिया या सलीम चिश्ती...आज भी हमारे समुदाय के लोग बड़ी संख्या में वहां बच्चे, नौकरी, टिकट (चुनाव लड़ने के लिए), मंत्री पद, राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री बनने के लिए जाते हैं।” मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को लगता है कि चूंकि वे इतने लंबे समय तक ‘शासक’ रहे, तो वे ‘प्रजा’ कैसे बन सकते हैं। बघेल ने कहा, “समस्या का समाधान अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में निहित है। इससे एक दिन समस्या का कुछ समाधान मिल सकता है।” उन्होंने कहा, “अगर वे मदरसे में पढ़ेंगे तो वे ऊर्दू, अरबी और फारसी पढ़ेंगे। सभी साहित्य अच्छे हैं लेकिन ऐसी पढ़ाई से वे पेश-इमाम बनेंगे। और अगर वे भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान पढ़ेंगे तो वे अब्दुल कलाम बनेंगे।”

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement