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असम में बेरोजगार हैं मुसलमान, चाहें भी तो कई पत्नियां नहीं रख सकते: बदरुद्दीन अजमल

बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि भाजपा और असम के मुख्यमंत्री ने राज्य में रहने वाले मुस्लिम लोगों से उनका सब कुछ छीन लिया है। उनके पास रोजगार, पैसा नहीं है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: September 08, 2023 18:28 IST
Badruddin Ajmal- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO बदरुद्दीन अजमल

गुवाहाटी: असम सरकार राज्य में बहुविवाह पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। वहीं ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मुसलमान आमतौर पर एक विवाह में विश्वास करते हैं और हिंदू अक्सर कई बार शादी करते हैं। अजमल ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “भाजपा और असम के मुख्यमंत्री ने राज्य में रहने वाले मुस्लिम लोगों से उनका सब कुछ छीन लिया है। उनके पास रोजगार, पैसा नहीं है। इसके अलावा हिमंत बिस्वा सरमा मुस्लिम लोगों को अपने जीवन यापन के लिए सड़कों पर सब्जियां बेचने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इस प्रकार, मुसलमान चाहें भी तो एक से ज्यादा शादी नहीं कर सकते।” धुबरी लोकसभा सांसद ने आगे कहा कि आजकल हिंदू अक्सर कई पत्नियां रखते हैं।

'असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध के पक्ष में मजबूत जन समर्थन'

इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध के पक्ष में एक मजबूत जन समर्थन है। राज्य सरकार ने असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून लाने की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया था। संबंधित समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद राज्य विधानसभा में कानून लाने से पहले सरकार द्वारा जनता की राय मांगी गई थी।

बिल के पक्ष में हैं 149 में से 146 सुझाव 
सरमा ने कहा, ''हमारे सार्वजनिक नोटिस के जवाब में हमें कुल 149 सुझाव मिले हैं। इनमें से 146 सुझाव बिल के पक्ष में हैं, जो मजबूत जनसमर्थन का संकेत है। हालांकि, तीन संगठनों ने बिल पर अपना विरोध जताया है। उन्होंने कहा, "अब हम प्रक्रिया के अगले चरण पर आगे बढ़ेंगे, जिसमें अगले 45 दिन में बिल का अंतिम मसौदा तैयार करना है।" विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय संविधान संघ और राज्यों को विशिष्ट मुद्दों पर कानून बनाने की शक्ति देता है।

(इनपुट- IANS)

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