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संगीत एक बहुत गूढ़ विषय है, भारतीय संगीत को दुनियाभर में फैलाएं: पीएम मोदी

PM मोदी ने संगीत को समर्पित स्टार्ट-अप भी देश में बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्टार्ट-अप भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और परंपराओं पर आधारित होने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी गुरु-शिष्य परंपरा बनी रहनी चाहिए, लेकिन इसे प्रौद्योगिकी का समावेश कर और समृद्ध किया जा सकता है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 28, 2022 16:37 IST
संगीत एक बहुत गूढ़ विषय है, भारतीय संगीत को दुनियाभर में फैलाएं: पीएम मोदी
Image Source : @BJP4INDIA संगीत एक बहुत गूढ़ विषय है, भारतीय संगीत को दुनियाभर में फैलाएं: पीएम मोदी 

Highlights

  • संगीत के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी और आईटी का रिवॉल्यूशन होना चाहिए- PM मोदी
  • हमारे ऋषियों ने स्वर और नाद को लेकर जितना व्यापक ज्ञान दिया है, वो अद्भुत है- PM मोदी
  • पंडित जसराज सांस्कृतिक प्रतिष्ठान की शुरुआत के अवसर पर पीएम मोदी ने एक डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित किया

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लोगों से भारतीय संगीत को दुनिया में लेकर जाने का आग्रह करते हुए इस क्षेत्र में संगीत आधारित स्टार्ट-अप बनाकर प्रौद्योगिकी को अपनाने का आह्वान किया। पंडित जसराज सांस्कृतिक प्रतिष्ठान की शुरुआत के अवसर पर एक डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि संगीत की दुनिया में प्रौद्योगिकी ने व्यापक पहुंच बनाई है। पंडित जसराज की 92वीं जयंती पर यह आयोजन किया गया था। 

पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संगीत एक बहुत गूढ़ विषय है। मैं इसका बहुत जानकार तो नहीं हूं, लेकिन हमारे ऋषियों ने स्वर और नाद को लेकर जितना व्यापक ज्ञान दिया है, वो अद्भुत है। मुझे खुशी है कि उनकी शास्त्रीय विरासत को आप सब आगे बढ़ा रहे हैं। आज पंडित जसराज जी की जन्मजयंती के पुण्य अवसर भी है। इस दिन पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन की स्थापना के इस अभिनव कार्य के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब टेक्नोलॉजी का प्रभाव हर क्षेत्र में है, तो संगीत के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी और आईटी का रिवॉल्यूशन होना चाहिए। भारत में ऐसे स्टार्ट अप तैयार हों जो पूरी तरह संगीत को डेडिकेटेड हों, भारतीय वाद्य यंत्रों पर आधारित हों, भारत के संगीत की परंपराओं पर आधारित हों। आज हम काशी जैसे अपनी कला और संस्कृति के केन्द्रों का पुनर्जागरण कर रहे हैं, पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति प्रेम को लेकर हमारी जो आस्था रही है, आज भारत उसके जरिए विश्व को सुरक्षित भविष्य का रास्ता दिखा रहा है। 

मोदी ने कहा, ‘‘सांस्कृतिक प्रतिष्ठान से मेरा आग्रह होगा कि वह विशेष रूप से दो चीजों पर ध्यान केंद्रित करे। हम वैश्वीकरण की बात सुनते हैं, लेकिन इसकी व्याख्या और इस पर वार्ता मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था तक ही सीमित रहती है। वैश्वीकरण के इस युग में, यह हमारी जिम्मेदारी है कि भारतीय संगीत अपनी छाप छोड़े और इसका वैश्विक प्रभाव हो।’’ उन्होंने कहा, भारतीय संगीत में लोगों के मानस पर गहराई से असर करने की क्षमता है। यह प्रकृति और ईश्वरीय एकात्मकता के अनुभव को मजबूत भी करती है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की लोकप्रियता का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि भारत की इस विरासत से पूरी दुनिया लाभान्वित हुई है। 

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया के हर इंसान को भारतीय संगीत को जानने, समझने और सीखने का अधिकार है। इसे पूरा करने की जिम्मेदारी हम सभी की है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दूसरा सुझाव संगीत को प्रौद्योगिकी से जोड़ने का है। उन्होंने कहा, ‘‘जीवन के हर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का प्रभाव है। ऐसे में संगीत क्षेत्र में भी प्रौद्योगिकी और आईटी क्रांति होनी चाहिए।’’ 

मोदी ने संगीत को समर्पित स्टार्ट-अप भी देश में बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्टार्ट-अप भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और परंपराओं पर आधारित होने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी गुरु-शिष्य परंपरा बनी रहनी चाहिए, लेकिन इसे प्रौद्योगिकी का समावेश कर और समृद्ध किया जा सकता है। ज्ञात हो कि पंडित जसराज का वर्ष 2020 में न्यूजर्सी स्थित उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। 

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