मुंबई क्राइम ब्रांच ने 26/11 के आतंकवादी हमले में शामिल होने के आरोप पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा के खिलाफ 405 पेज की 5वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। फिलहाल राणा कैलिफोर्निया में हिरासत में है, और लॉस एंजिल्स जेल में कैद है। भारतीय एजेंसी उसका एक्सट्राडिशन कराने की कोशिश कर रही है। सूत्रों ने बताया की मुंबई क्राइम ब्रांच ने भारत सरकार को एक डोजियर सौंपा था, जिसे इस साल मई में एलए की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जमा किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने उसे भारत एक्स्ट्राडिशन का आदेश दिया। आपको बता दें की राणा इस मामले में आमिर अजमल कसाब के साथ साथ पांचवां आरोपी है जिसके खिलाफ आतंक के चार्जेस लगाए गए हैं। इस मामले में कसाब को साल 2012 में फांसी दी गई थी और अबू जिंदाल के ख़िलाफ़ अब भी ट्रायल चल रहा है।
'मुंबई में होने के मिले सबूत'
सूत्रों ने बताया की मुंबई क्राइम ब्रांच ने सोमवार के दिन UAPA कोर्ट में चार्जशीट दायर की, जिसमें कई अहम सबूतों को जोड़ा गया है। इन सबूतों से यह साबित होता है कि उस आतंकी हमले में राणा का कैसे एक्टिव रोल था, वो उस समय यानी की 11 नवंबर से लेकर 21 नवंबर 2008 तक भारत में था। इसके अलावा 20 नवंबर और 21 नवम्बर के दिन वो मुंबई के पवई के एक होटल में था इस बात के भी सबूत मिले हैं। सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि हमले के कुछ दिन पहले वो भारत से दुबई भाग गया और वहां से बीजिंग।
'मिले 14-15 अहम गवाह'
इस पूरी जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को 14-15 अहम गवाह मिले हैं। इन गवाहों के बयान दर्ज किए गए है जिनको चार्जशीट का हिस्सा बनाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि हमारे पास इस बात के सबूत हैं जिससे यह साबित होता है कि राणा उस समय ISI और डेविड हेडली से संपर्क में था और वो हेडली के साथ कुछ समय था।
कौन है राणा?
राणा पाकिस्तानी सेना का पूर्व डॉक्टर है वो साल 1997 में कनाडा चला गया और कनाडा की नागरिकता हासिल कर ली। बाद में उसने कनाडा में शिकागो में "फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज" नाम का एक बिज़नेस स्टेबलिश किया। एक अधिकारी ने बताया की वह 26/11 के आतंकवादी हमलों में सरकारी गवाह बने आरोपी डेविड हेडली का बचपन का दोस्त भी है।
26/11 के हमले में 166 लोगों की जान चली गई, जिसमें एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे की शहादत भी शामिल थी, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। अबतक इस मामले में क्राइम ब्रांच ने चार सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की हैं, जिनमें आमिर अजमल कसाब भी शामिल है, जिसे 2012 में फांसी दी गई थी। अबू जिंदाल वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रहा है, जबकि फहीम अंसारी और सबाउद्दीन शैल को 12 साल जेल में बिताने के बाद बरी कर दिया गया था। क्राइम ब्रांच के अनुसार, मामले में अभी भी 49 वांटेड आरोपी हैं जिसे पाकिस्तान ने छिपाकर रखा है।
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