नयी दिल्ली: तमिलनाडु में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे के बाद अब एक बार फिर से वायुसेना के Mi 17V5 हेलिकॉप्टर को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस हेलिकॉप्टर में सेना के सीनियर अधिकारी के अलावा चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और उनके परिवार के लोग भी सवार थे। हेलिकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे जिसमें सेना के बड़े अफसर भी थे। दुखद बात ये है कि इस हादसे में CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित इसमें मौजूद 11 अन्य लोगों की मौत हो गई।
विमान कई बार हो चुका है क्रैश
दरअसल, एक तरफ जहां वायुसेना के हेलिकॉप्टर MI 17V5 कई आधुनिक तकनीकों से लैस है। ये सेना के कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन का हिस्सा रहा है। वहीं, दूसरी ओर कई बार इसके क्रैश होने की वारदात सामने आ चुकी है। 2017 में भी अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा से 12 किलोमीटर दूर तकनीकी खराबी की वजह से वायुसेना का विमान क्रैश हो गया था। इस हादसे में आधे दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 2019 में भी Mi 17V5 श्रीनगर के बड़गाम में क्रैश हो गया था। इसमें दो पायलट की मौत हो गई थी। जबकि, हेलीकॉप्टर में सवार आधे दर्जन से अधिक एयरफोर्स अधिकारी घायल हो गए थे। हादसे के बाद जांच के आदेश दिए गए थे।
भारतीय एयरफोर्स को Mi हेलिकॉप्टर्स की डिलिवरी 2011 में निर्माता देश रूस की तरफ से शुरू हुई थी और 2013 में 36 Mi सीरीज हेलिकॉप्टर्स मिले थे। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने 2012-2013 के दौरान 71 Mi-17V-5 का ऑर्डर दिया था। भारत को Mi-17V-5 की आखिरी खेप जुलाई 2018 में मिली थी। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2008 में 80 हेलीकॉप्टरों के लिए रूसी हेलीकॉप्टरों को 1.3 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को डिलीवरी 2011 में शुरू हुई थी।