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Mukul Rohatgi: अगले अटॉर्नी जनरल पद के लिए मुकुल रोहतगी ने केंद्र का प्रस्ताव किया अस्वीकार

Mukul Rohatgi: वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने रविवार को कहा कि उन्होंने भारत का अगला अटॉर्नी जनरल बनने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: September 25, 2022 23:24 IST
Former Attorney General Mukul Rohatgi(File Photo)- India TV Hindi
Image Source : PTI Former Attorney General Mukul Rohatgi(File Photo)

Mukul Rohatgi: वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी(Mukul Rohatgi) ने रविवार को कहा कि उन्होंने भारत का अगला अटॉर्नी जनरल(Attorney General) बनने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके फैसले के पीछे कोई खास वजह नहीं है। केंद्र ने मौजूदा अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल (91) की जगह लेने के लिए इस महीने की शुरुआत में रोहतगी को पेशकश की थी। वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त होगा। 

रोहतगी इतने समय तक थे अटॉर्नी जनरल

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी जून 2014 से जून 2017 तक अटॉर्नी जनरल थे। उनके बाद वेणुगोपाल को जुलाई 2017 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। उन्हें 29 जून को देश के इस शीर्ष विधि अधिकारी के पद के लिए फिर तीन महीने लिए नियुक्त किया गया था। केंद्रीय कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि वेणुगोपाल ‘व्यक्तिगत कारणों’ से अपनी अनिच्छा जताई थी, लेकिन 30 सितंबर तक पद पर बने रहने के सरकार के अनुरोध को उन्होंने मान लिया था। 

अटॉर्नी जनरल का तीन साल का होता है कार्यकाल

अटॉनी जनरल के रूप में वेणुगोपाल का पहला कार्यकाल 2020 में समाप्त होना था और उन्होंने सरकार से उनकी उम्र को ध्यान में रखकर जिम्मेदारियों से मुक्त कर देने का अनुरोध किया था। लेकिन बाद में उन्होंने एक साल के नये कार्यकाल को स्वीकार कर लिया, क्योंकि सरकार इस बात को ध्यान में रखकर चाह रही थी कि वह इस पद बने रहें कि वह हाई-प्रोफाइल मामलों में पैरवी कर रहे हैं और उनका बार में लंबा अनुभव है। 

सामान्यत: अटॉर्नी जनरल का तीन साल का कार्यकाल होता है। वरिष्ठ वकील रोहतगी भी उच्चतम न्यायालय एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पैरवी कर चुके हैं।

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