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Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी को एक और मामले में सजा, 23 साल पुराने गैंगस्टर केस में 5 साल की कैद

Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी को एक और केस में कोर्ट ने सजा सुना दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 23 साल पुराने गैंगस्टर केस में मुख्तार को 5 साल की सजा सुनाई है।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Swayam Prakash Published on: September 23, 2022 15:58 IST
Mafia Mukhtar Ansari- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV GFX Mafia Mukhtar Ansari

Highlights

  • माफिया मुख़्तार अंसारी को दूसरे केस में सजा
  • 23 साल पुराने गैंगस्टर मामले में 5 साल की कैद
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया फैसला

Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी को एक और केस में कोर्ट ने सजा सुना दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 23 साल पुराने गैंगस्टर केस में मुख्तार को 5 साल की सजा सुनाई है। बता दें कि मुख्तार को 7 साल की सजा पहले ही मिल चुकी है और अब इस मामले में भी अदालत ने 5 साल की कैद की सजा सुनाई है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया है। मामले की एफआईआर साल 1999 में थाना हजरतगंज में दर्ज की गई थी।

आपराधिक इतिहास में दूसरी सजा

माफिया मुख़्तार अंसारी को 23 साल पुराने गैंगस्टर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ये सजा सुनाई है। मुख्तार को 5 साल की सजा के साथ-साथ 50 हजार का जुर्माना भी भरना होगा। मुख्तार अंसारी के 44 साल के आपराधिक इतिहास में ये दूसरी सजा का ऐलान हुआ है। बता दें कि मुख्तार अंसारी गैंगस्टर के मामले में भी दोषी करार दिए गए हैं। इस मामले में अंसारी को पांच साल की सजा काटना होगा और 50 हजार रुपए जुर्माना भी भरना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के तहत 23 साल पुराने एक मामले में भी मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। 

लखनऊ की विशेष आदालत का फैसला पलटा
न्यायमूर्ति डी.के.सिंह की पीठ ने अंसारी को साल 2020 में लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत द्वारा इस मामले में बरी किए जाने के निर्णय को पलटते हुए यह सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ साल 1999 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था और साल 2020 में विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने अंसारी को बरी कर दिया था। उसके बाद 2021 में सरकार ने निचली अदालत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। गौरतलब है कि अंसारी को पिछले बुधवार को जेलर को धमकाने और उस पर पिस्टल तानने के मामले में भी सात साल की सजा सुनाई गई थी।

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