Friday, December 20, 2024
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'नो प्रॉफिट, नो लॉस के हिसाब से हुई है MQ9 B ड्रोन की डील, पैसे को लेकर बात ही नहीं हुई'

अमेरिका द्वारा बताया गया है कि इस ड्रोन की अनुमानित लागत 812 करोड़ है और 3.072 मिलियन अमेरिकी डॉलर्स इसकी कुल कीमत है। भारत सरकार द्वारा अभी तक ड्रोन की कीमतों को तय नहीं किया गया है।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Avinash Rai Published : Jun 29, 2023 18:54 IST, Updated : Jun 29, 2023 18:54 IST
'MQ9 B drone deal was done on no profit no loss basis there was no talk about money with us governme
Image Source : WIKIPEDIA MQ9 B ड्रोन

नई दिल्ली:  MQ9 B ड्रोन की डील को लेकर चर्चा के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इंडिया टीवी से खास बातचीत में रक्षा मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि भारत सरकार और अमेरिकी सरकार के बीच यह डील नो प्राफिट और नो लॉस के हिसाब से की गई है। पैसे को लेकर न कोई बात हुई है और ही चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा बताया गया है कि इस ड्रोन की अनुमानित लागत 812 करोड़ है और 3.072 मिलियन अमेरिकी डॉलर्स इसकी कुल कीमत है। भारत सरकार द्वारा अभी तक ड्रोन की कीमतों को तय नहीं किया गया है। अभी तक केवल ड्रोन के सेंसर और आधुनिक हथियार की जरूरतें शामिल हैं। 

कम कीमत में हो रही ड्रोन की डील

इस लागत में अमेरिकी सरकार द्वारा एयरक्राफ्ट, सेंसर, हथियार, ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम, सेटेलाइट, सी बैंड डेटा टर्मिनल, ग्राउंड हैंडलिंग इक्विपमेंट, स्पेयर्स और कॉन्ट्रैक्टर लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलेगा। रक्षा मंत्रा के अधिकारी ने कहा कि दूसरे देशों की तुलना में भारत के लिए ड्रोन की अनुमानित लागत 27 फीसदी तक कम है। भारतीय नौसेना में कुल 2 MQ9B ड्रोन हैं जिन्हें 4 साल की लीज पर लिया गया है। इन ड्रोन्स को नौसेना में कार्य करते हुए तीन साल पूरे हो चुके हैं। इस ड्रोन की काबिलियत चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर देखी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी भी डील को पूरा होने में कीमत से लेकर डिलीवर तक कुल 11 स्टेप्स होते हैं। अभी यह डील तीसरे स्टेज में है जिसे  ऐक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (AON) कहते है।

ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी भी होगा शामिल

उन्होंने बातचीत में कहा कि अगले 2-3 साल में इसका प्राइस कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी को जाएगा। इसके बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी का क्लीयरेंस होगा फिर चार साल तक यानी 2031 में से पहला ड्रोन भारत आएगा। भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, नौसेना के अधिकारियो ने मिलकर ये तय किया है कि हमें 31 MQ9B drone की जरूरत हैं। 15 नौसेना, 8-8 army और एयरफोर्स को मिलेगा। 10 ड्रोन्स उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार कंडिशन में भारत को सौंपेजाएंगे वहीं 21 ड्रोन्स को भारत में ही असेंबल किया जाएगा। भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि 15-20 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ऑफ ट्रांसफर भी इस डील में शामिल होगा। ड्रोन के इस डील में अमेरिका द्वारा दी तय कीमत कनाडा और ताइवान की तुलना में कम है। ये सब अभी एस्टीमेटेड है और कंपनी और अमेरिकी सरकार द्वारा हमे ऑफर किया गया है। 

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