Highlights
- संजय सिंह ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का मुद्दा उठाया
- संजय सिंह ने कहा कि वह अपनी ओर से राशि देने को तैयार हैं
- सिंह ने ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की चर्चा करते हुए कहा कि इसे यू-टयूब पर डाल दिया जाना चाहिए
नयी दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) सदस्य संजय सिंह ने सुझाव दिया कि सभी सांसदों को अपनी सांसद निधि से पांच करोड़ रुपये कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए देना चाहिए। सिंह ने भाजपा नेता राकेश सिन्हा के एक निजी संकल्प पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों की समस्याओं की सिर्फ चर्चा करने के बदले उनके पुनर्वास के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार से सवाल किया कि उसने पिछले सात साल में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाए हैं।
आप सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सदन से एक प्रस्ताव पारित होना चाहिए कि सभी सांसदों को अपनी सांसद निधि से पांच करोड़ रूपए कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अपनी ओर से राशि देने को तैयार हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि जब घाटी से कश्मीरी पंडितों को ‘भगाया’ गया था, उस समय भाजपा मूकदर्शक बनी हुयी थी। उन्होंने कहा कि उस समय केंद्र में वी.पी. सिंह की सरकार थी और भाजपा उसे समर्थन दे रही थी। इसके अलावा भाजपा के एक नेता उस समय जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे।
सिंह ने ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की चर्चा करते हुए कहा कि इसे यू-टयूब पर डाल दिया जाना चाहिए या इसका दूरदर्शन पर प्रसारण करना चाहिए ताकि सभी लोग इसे देख सकें। उन्होंने कहा कि लेकिन किसी की पीड़ा व दर्द से राजनीतिक रोटी नहीं सेंकी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार को बताना चाहिए कि उसने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाए हैं।
आप सदस्य ने कहा कि विविधता में एकता भारत की विशेषता रही है लेकिन उसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को मिल कर काम करना चाहिए ताकि देश आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सहिष्णुता और समावेश पर जोर देता है तथा यहां सभी लोगों को एक साथ लेकर चलने की परंपरा रही है। लेकिन भाजपा की नीतियां विभाजनकारी हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी देश में कपड़े, भाषा, जाति, धर्म आदि को सवाल किए जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि ‘भारत माता की जय’ नारे का इस्तेमाल एक वर्ग के प्रति नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है। सिन्हा ने आप सदस्य सिंह के भाषण को राजनीतिक बताते हुए कहा कि उन्हें इस संकल्प पर अपनी बात रखनी चाहिए थी।