आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में संसद का आखिरी सत्र है, लिहाजा आज संसद में ऐतिहासिक चर्चा होने वाली है। सरकार आज संसद में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर धन्यवाद प्रस्ताव लेकर आई है। संसद के दोनों सदनों में सरकार ये प्रस्ताव ला रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के साथ राम मंदिर पर चर्चा समाप्त होगी। बीजेपी ने अपने सांसदों को इसके लिए व्हिप जारी किया था। लोकसभा में नियम 193 के तहत सरकार के प्रस्ताव लेकर आएगी जबकि राज्यसभा में नियम 176 तहत इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। संसद के आखिरी सत्र की आखिरी स्पीच आज प्रधानमंत्री मोदी की होगी।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में संसद सत्र का आखिरी दिन
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। बीजेपी ने अपने एजेंडे में किये गये इस बड़े वादे को पूरा किया है। ये बजट सत्र का ही आखिरी दिन नहीं है, बल्कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में संसद सत्र का भी आखिरी दिन है। इसलिए पीएम मोदी की स्पीच के साथ इसे यादगार बनाने की योजना बनाई गई है। आज अपने दूसरे कार्यकाल में संसद के आखिरी सत्र में पीएम मोदी आखिरी भाषण में भगवान राम के नाम का उदघोष करेंगे।
आज संसद में राम मंदिर पर होने वाली चर्चा केवल इसलिये खास नहीं है क्योंकि ये आखिरी सत्र के आखिरी दिन हो रही है, बल्कि जो प्रस्ताव सरकार आज लेकर आने वाली है उसमें जिन बिंदुओं पर ज़ोर होगा, उन पर भी नज़र डालिए-
- प्रस्ताव में भारत और भारतीयता के प्रतीक श्रीराम
- एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रतीक भगवान राम
- भारतीय संस्कृति के प्रतीक भगवान राम
खास नेता सदन में राम पर करेंगे चर्चा
यानि देश की संस्कृति या धार्मिक रीति रिवाज़ों से आगे निकलकर समाज के हर छोर से राम को जोड़ने का प्रयास है। राम मंदिर पर चर्चा के लिए बीजेपी ने अपने खास नेताओं को सदन में उतारने का फैसला किया है। लोकसभा में होने वाली चर्चा में निशिकांत दूबे, सुनील सिंह, सत्यपाल सिंह, राजेन्द्र अग्रवाल, शिवसेना के सांसद धैर्यशील संभाजी राव हिस्सा लेंगे तो राज्यसभा में राकेश सिन्हा और सुधांशु त्रिवेदी राम मंदिर पर होने वाली चर्चा का हिस्सा बनेंगे।
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