सावन का महीना आ चुका है। 4 जुलाई से सावन की शुरुआत होने वाली है। सभी लोग अपने-अपने तरीकों से भगवान शिव की पूजा व अराधना करेंगे। एक तरफ युवक-युवतियां जहां अपने करियर को बनाने और पैसे के पीछे पड़े हुए हैं। वहीं सिरोही जिले के आबू रोड में देशभर से आई 400 से ज्यादा लड़कियां ब्रह्माकुमारी बन चुकी हैं। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इन महिलाओं ने शिवलिंग को वरमाला पहनाया और शिवलिंग के सात फेरे लेकर ब्रह्माकुमारी बन गईं। अब उनका पूरा जीवन परमात्मा की याद और मानवता की सेवा में गुजरेगा।
400 लड़कियां बनी ब्रह्मकुमारी
इस कार्यक्रम के दौरान लड़कियों के माता-पिता और रिश्तेदार भी उपस्थित थे। ब्रह्माकुमारी संस्थान के आबू रोड स्थित डायमंड हॉल में इस भव्य समारोह का आयोजन किया गया था। सबसे खास बात यह है कि जो लड़कियां ब्रह्माकुमारी बनी हैं वे सभीं पढ़ीं-लिखी हैं। किसी ने एमए, एमफिल तो किसी ने सीए की पढ़ाई की है। साथ ही कई लड़कियां ऐसी हैं जो लाखों रुपये के पैकेज को छोड़कर यहां आईं और ब्रह्माकुमारी बन गईं। इस कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी, बीके संतोष समेत कई पदाधिकारी मौजूद थीं।
भगवान शिव को पहनाया वरमाला
गौरतलब है कि विश्व की सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था ब्रह्माकुमारीज का प्रबंधन हमेशा स्त्री प्रधान रहा है। यहां की बागडोर क्रमशः दादी प्रकाशमणि जी, दादी जानकी जी, दादी ह्रदयमोहिनी जी और दादी रतनमोहिनी जी ने सम्भाली है। सेंटर्स पर भी दीदीयां ही ज्ञान योग की शिक्षा देती हैं। यह दुनिया की पहली संस्थान है जिसका संचालन और मालिकाना हक महिलाओं के हाथों में है। यह संस्था पूरे विश्व के 140 देशों में फैली है। दुनिया भर में जितने सेवा केन्द्र हैं, वहां महिलाएं ही इनकी कर्ता-धर्ता होती है।
(रिपोर्ट-सुनील आचार्य)