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पिछले साल देशभर में चलती रेलगाड़ियों पर पथराव के 1,500 से ज्यादा मामले, 400 से ज्यादा लोग गिरफ्तार

इस महीने की शुरुआत में कंचारपालेम इलाके के विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत रेलगाड़ी के डिब्बों पर पथराव किया गया था जिसमें रेलगाड़ी के कई शीशे टूट गए थे।

Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 25, 2023 18:18 IST
ट्रेन पर पथराव- India TV Hindi
Image Source : TWITTER ट्रेन पर पथराव

नयी दिल्ली : यूं तो चलती रेलगाड़ियों पर पथराव की खबरें अक्सर आती रहती हैं लेकिन हाल के दिनों में देश की सबसे प्रीमियम मानी जानेवाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं से चलती ट्रेनों पर पथराव को लेकर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत करने और पुलिस द्वारा तत्काल एक्शन की चर्चा भी तेज होने लगी। वहीं रेलवे की ओर से यह जानकारी दी गई है कि पिछले साल देशभर में चलती रेलगाड़ियों पर पथराव के 1,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए और 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। 

रेलवे ने बताया कि पथराव के कारण ‘वंदे भारत’ रेलगाड़ियों को भी नुकसान हुआ है। इस महीने की शुरुआत में कंचारपालेम इलाके के विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत रेलगाड़ी के डिब्बों पर पथराव किया गया था जिसमें रेलगाड़ी के कई शीशे टूट गए थे। रेलवे ने एक बयान में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की साल भर की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला है।

पथराव के 1,503 मामले दर्ज, 488 गिरफ्तार

बयान में कहा गया है, ‘‘वर्ष 2022 में आरपीएफ द्वारा चलती रेलगाड़ियों पर पथराव के 1,503 मामले दर्ज किये गये थे और 488 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरपीएफ द्वारा रेलवे की पटरियों के निकट निवासियों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न माध्यमों के जरिये कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इस अभियान के दौरान रेलगाड़ियों में ज्वलनशील पदार्थ /पटाखे ले जा रहे 100 से अधिक व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया।’’ 

रेलवे ने बताया कि अन्य रेलगाड़ियों पर पथराव की कई घटनाओं की जानकारी नहीं दी जाती हैं। स्वदेशी निर्मित ‘वंदे भारत’ पर पथराव के मामले व्यापक रूप से सुर्खियों में रहे हैं। इस तरह की पहली रेलगाड़ी शुरू होने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के टूंडला में पथराव किया गया था। रेलगाड़ी पर यहां सदर के निकट पथराव किया गया और इस दौरान एक डिब्बे की खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए थे। रेलवे स्थानीय लोगों को समझाने के लिए आरपीएफ की मदद ले रही है। 

रेलवे ने बुधवार को बयान में कहा कि आरपीएफ ने इस साल अब तक रेल परिसरों से 17,500 से अधिक बच्चों और तस्करों के चंगुल से 559 लोगों को बचाया है। इसमें कहा गया है कि ‘ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते’ के तहत, आरपीएफ उन बच्चों की पहचान करता है और उन्हें बचाता है, जो विभिन्न कारणों से खो गए हैं या अपने परिवार से अलग हो गए हैं। आरपीएफ ने 852 उन यात्रियों की जान भी बचाई, जो रेलगाड़ियों में चढ़ते समय फिसल गए थे। आरपीएफ ने अपराधों में शामिल 5,749 अपराधियों को भी जीआरपी/पुलिस को सौंप दिया। इनमें 82 नशाखोर, 30 डकैत, 380 लुटेरे, 2628 चोर और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल 93 लोग हैं। 

इनपुट-भाषा

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