Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. मोरबी पुल हादसा: ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल पर शिकंजा कसना शुरू, कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

मोरबी पुल हादसा: ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल पर शिकंजा कसना शुरू, कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

मोरबी सस्पेंशन ब्रिज ढहने के मामले में ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल को गुजरात की अदालत ने उन्हें 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मोरबी पुल हादसे के मामले में आरोपी बनाए गए जयसुख पटेल ने मोरबी कोर्ट में सरेंडर किया था।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Feb 01, 2023 22:31 IST, Updated : Feb 02, 2023 6:52 IST
Morbi bridge collapse case
Image Source : PTI/FILE मोरबी पुल हादसा

गांधीनगर: मोरबी सस्पेंशन ब्रिज ढहने के मामले में ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। गुजरात की अदालत ने उन्हें 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। गौरतलब है कि मोरबी पुल हादसे के मामले में आरोपी बनाए गए जयसुख पटेल ने मोरबी कोर्ट में सरेंडर किया था। इस मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। चार्जशीट में आरोपी के तौर पर ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल का नाम शामिल किया गया था। 

पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसमें से 9 लोगों पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन ओरेवा ग्रुप के निदेशक फरार चल रहे थे। पुलिस ने प्रबंधक दीपक पारेख, दिनेश दवे, तीन सुरक्षा गार्ड, दो टिकट क्लर्क और इतने ही निजी संविदा कर्मियों को गिरफ्तार किया है और वे न्यायिक हिरासत में हैं।

ओरेवा समूह के निदेशक पर क्या हैं आरोप?

ओरेवा समूह के खिलाफ आरोप यह है कि उचित फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना उन्होंने पुल जनता के लिए खोल दिया। इस मामले में नगर पालिका ने कहा कि हमने कंपनी को कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था, और हमें यह भी सूचित नहीं किया गया था कि यह लोगों के लिए झूला पुल खोल रहे हैं। हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल ने फर्म की ओर से कई चूक होने का जिक्र किया है। 

ओरेवा समूह ने मुआवजे की पेशकश की

वहीं गुजरात हाई कोर्ट मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों को मुआवजा देने के ओरेवा समूह की पेशकश पर बुधवार को सहमत हो गया, लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह उसे किसी दायित्व से मुक्त नहीं करेगी। पिछले साल 30 अक्टूबर को हुए इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गये थे। मच्छु नदी पर स्थित और ब्रिटिश शासन काल के दौरान बने इस केबल पुल के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी ओरेवा समूह (अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड) को दी गई थी। मामले में पक्षकार बनाई गई कंपनी ने 135 मृतकों,56 घायलों के परिजनों और अनाथ हुए सात बच्चों को मुआवजा देने की पेशकश की है। इस पर, अदालत ने उसे एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि इस तरह का कार्य ‘‘उसे किसी दायित्व से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मुक्त नहीं करेगा।’’

ये भी पढ़ें-

वित्तमंत्री के ऐलान से बिगड़ा शादी का बजट, सोना एक झटके में हो गया इतना महंगा

निर्मला सीतारमण के 86 मिनट के बजट भाषण में PM मोदी ने 124 बार थपथपाई मेज

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement