Sunday, September 08, 2024
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कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर बोले मोरारी बापू, ‘मैंने भी इसमें भाग लिया है, लेकिन…’

कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर बोलते हुए आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू ने कहा है कि यह यात्रा लोगों की श्रद्धा की यात्रा होती है और इसे विवाद का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: July 25, 2024 9:20 IST
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Image Source : PTI FILE मोरारी बापू ने कहा कि उन्होंने भी कांवड़ यात्रा में हिस्सा लिया है।

नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू ने कांवड़ यात्रा मार्ग में आने वाली दुकानों और होटलों के मालिकों के नेमप्लेट लगाने के आदेश पर जारी विवाद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये यात्रा लोगों की श्रद्धा की यात्रा है, यहां कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कांवड़ यात्रा हर प्रांत में देखी है, ज्योर्तिलिंग के समय भी हम जा रहे थे, कांवड़ यात्रा निकली थी, मैंने भी इसमें भाग लिया था। राजनीति और राजकीय क्षेत्र मेरा क्षेत्र नहीं है। लेकिन, ये श्रद्धा की यात्रा है। इसको विवाद का मुद्दा नहीं बनाया जाए।’

‘सही-गलत का कोई प्रश्न नहीं है’

मोरारी बापू ने कहा, ‘लोग इतने भाव से महादेव का अभिषेक करने के लिए कितनी श्रद्धा से 'बम भोले-बम भोले' के जयकारे लगाते हुए जा रहे होते हैं। हर चीज को देश में राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए, बल्कि श्रद्धा को आगे बढ़ाना चाहिए। सही-गलत का कोई प्रश्न नहीं है। मेरी दृष्टि में, क्योंकि यह क्षेत्र मेरा नहीं है। कोई विवाद में जाना नहीं और जिसमें पक्की श्रद्धा है, वह जान ही लेगा कि मुझे किस तरह आगे बढ़ाना चाहिए। कृपया कोई इसको राजनीतिक मुद्दा न बनाए।’

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी अंतरिम रोक

बता दें कि सु्पीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों द्वारा जारी उन निर्देशों पर सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी थी, जिनमें कांवड़ यात्रा मार्गों पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों, कर्मचारियों के नाम और अन्य विवरण प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की बेंच ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया और उनसे निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने को कहा था।

सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित

मध्य प्रदेश में उज्जैन नगर निगम ने भी दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने का शनिवार को निर्देश दिया था। बेंच ने राज्य सरकारों को नोटिस जारी करने के साथ ही कहा कि भोजनालयों के लिए यह प्रदर्शित करना आवश्यक किया जा सकता है कि वे किस प्रकार का भोजन परोस रहे हैं, जैसे कि वे शाकाहारी हैं या मांसाहारी। हिंदू कैलेंडर के सावन महीने की शुरुआत के साथ सोमवार को शुरू हुई कांवड़ यात्रा के लिए कई राज्यों में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। बेंच ने इस मामले पर आगे की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। (IANS)

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