Highlights
- देशभर में अपने तेवर बदल रहा है मानसून
- कहीं आ रही है बाढ़, तो कहीं सामान्य से भी कम हो रही है बारिश
- जानिए कब और कितनी होगी आपके राज्य में बारिश
Monsoon Update: ग्लोबल वार्मिंग सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि मानसून को भी प्रभावित कर रहा है। यही वजह है कि किसी राज्य में बारिश इतनी ज्यादा हो जा रही है कि वहां बाढ़ आ जा रही है तो किसी राज्य में सामान्य से भी कम बरसात हो रही है। उत्तराखंड, असम, महाराष्ट्र जैसे राज्य भारी बारिश और बाढ़ से बेहाल हैं। जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्य सामान्य से भी कम बारिश के कारण परेशान हैं। झारखंड की स्थिति तो ऐसी है कि वहां सामान्य से कम बारिश का आंकड़ा 50 फीसदी को पार कर गया है।
दिल्ली और यूपी में बारिश के अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के आसपास 20 जुलाई को एक बार फिर मानसून ट्रफ बना रहेगा। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले तीन दिनों में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में आने वाली तीन दिनों में बारिश के आसार हैं। हालांकि, पुराने पुर्वानुमानों को देखें तो लगता है कि इस बार मानसून अपनी मनमौजी चाल में चल रहा है क्योंकि मौसम विभाग के ऐसे कई पूर्वानुमान बीते दिनों फेल साबित हुए हैं।
पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश
अपने लेट्स्ट बुलेटिन में मौसम विभाग ने कहा है कि पूर्वोत्तर के राज्यों, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में गुरुवार तक भारी बारिश होने की संभावना है। जबकि समुद्र के किनारे वाले राज्य जैसे कर्नाटक, गोवा और केरल में भी अगले कुछ दिनों में बारिश होगी।
महाराष्ट्र में भारी बारिश
महाराष्ट्र में भारी बारिश ने वहां के लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर रखा है। वहां के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। किसानों की फसले बर्बाद हो गई हैं। जबकि पिछले 48 घंटे से अकोला और अमरावती में लगातार बारिश हो रही है। हालांकि, मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में मुंबई को भारी बारिश से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार आने वादे 10 दिनों में मुंबई में भारी बारिश होने की संभावना है।
इन राज्यों में बिजली गिरने की संभावना
मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम समेत रुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग क्षेत्रों में बिजली गिरने की संभावना है। वहीं महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी के अलग-अलग क्षेत्रों में भी बिजले गिरने की आशंका जताई गई है।