Highlights
- विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद में किया हंगामा
- महंगाई, जीएसटी और निलंबन को लेकर किया विरोध
- 'तानाशाही नहीं चलेगी' की लगाए नारे
Monsoon Session: महंगाई, कई खाद्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाए जाने और चार लोकसभा सदस्यों के निलंबन के मुद्दों पर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद में जमकर हंगामा किया। सदन में शोर-शराबे के बीच ही पीठासीन सभापति किरीटभाई सोलंकी ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। विपक्षी सदस्यों ने चार लोकसभा सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की। उन्होंने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘निलंबन वापस लेना होगा’ के नारे लगाए। लोकसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के दौरान तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में गत सोमवार को कांग्रेस के चार सदस्यों- मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, ज्योतिमणि और राम्या हरिदास को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।
विपक्षी दलों ने की नारेबाजी
पीठासीन सभापति सोलंकी ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और चर्चा आरंभ करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने कहा है कि वह चर्चा (महंगाई पर) के लिए तैयार है. सरकार का मन खुला है। आप लोग अपनी सीट पर जाइए और चर्चा आरंभ करिये।’’ फिर भी हंगामा नहीं थमा जिसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले, आज सुबह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उनके उत्तर दिये। इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था।
बिरला ने हंगामे को अशोभनीय बताया
शोर-शराबा करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने हंगामे को अशोभनीय बताया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। उन्होंने हंगामा करने वाले सदस्यों से कहा, ‘‘सदन की नियम-प्रक्रियाएं सदस्यों ने ही बनाई हैं, नियमों में लिखा है कि सदस्य आसन के समीप तख्तियां लेकर नहीं आएं लेकिन आप अपने ही बनाए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।’’ बिरला ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए चर्चा करें और प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही तय करें। उन्होंने कहा, ‘‘आपका हंगामा जनप्रतिनिधि के तौर पर उचित नहीं है।’’
प्रह्लाद जोशी ने क्या कहा?
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्षी सदस्य कीमतों में वृद्धि की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वस्थ होकर, कोविड से उबर कर संसद आई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आज भी चर्चा को लेकर फैसला कर लें, तब हम अभी चर्चा को तैयार हैं। लेकिन इनके (विपक्ष के) शासन वाले कई राज्यों में ईधन पर कर नहीं घटाया गया है, इसलिये वे चर्चा से भाग रहे हैं।’’