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Monsoon session: लोकसभा में सांसद निरहुआ ने दिया पहला बयान, उठाई भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

Monsoon session: निरहुआ ने कहा कि 16 देशों में बोले जाने वाली भोजपुरी को यूनेस्को ने भी मॉरीशस के अनुरोध पर अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@only_Shailendra
Published : Aug 02, 2022 18:32 IST, Updated : Aug 02, 2022 18:32 IST
Azamgarh MP Dinesh Lal Yadav Nirahua
Image Source : FILE PHOOTO Azamgarh MP Dinesh Lal Yadav Nirahua

Highlights

  • निरहुआ ने की भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग
  • UPA पर लगाया संवैधानिक दर्जा देने के नाम पर झूठे आश्वासन का आरोप
  • "मोदी सरकार ने भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए की सकारात्मक पहल"

Monsoon session: भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने मंगलवार को लोकसभा में भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग रखी। हाल में आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित प्रसिद्ध भोजपुरी अभिनेता-गायक निरहुआ ने सदन में पहली बार अपना विषय रखते हुए शून्यकाल में अपना बयान रखा। 

UPA पर लगाया झूठे आश्वासन देने का आरोप

निरहुआ ने कहा कि 16 देशों में बोले जाने वाली भोजपुरी को यूनेस्को ने भी मॉरीशस के अनुरोध पर अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है। उन्होंने पूर्ववर्ती UPA सरकार पर भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा देने के विषय पर झूठे आश्वासन देने का आरोप भी लगाया। निरहुआ ने कहा कि नियमों की अस्पष्टता और भाषाओं में भेद नहीं करने के नाम पर वर्षों तक भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जा सका है। 

"भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक पहल"

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक पहल की हैं और उम्मीद है कि इस भाषा को संवैधानिक दर्जा देने के संबंध में भी निर्णय लिया जाएगा। भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘अब, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो असंभव को भी संभव बनाने के लिए जाने जाते हैं। मुझे विश्वास है कि सरकार भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कदम उठाएगी।’’ 

उत्तर प्रदेश के CM योगी भी उठा चुके हैं मुद्दा

2016 में योगी ने मांग करते हुए कहा था कि वे भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र में NDA सरकार के सामने ये मुद्दा रखेंगे। योगी आदित्यनाथ ने संसद में कहा था, भोजपुरी दुनिया की सबसे बड़ी उपभाषा (बोली) है, जिसे सिर्फ उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में ही नहीं बल्कि विश्वभर में 27 अन्य देशों में भी बोली जाती है।

2009 में भी उठाया था मुद्दा

योगी ने कहा था कि मूल रूप से अनुसूची में 14 ही भाषाएं थीं लेकिन नेपाली, सिंधी और मैथिली को बाद में जोड़ा गया। इससे पहले जुलाई 2009 में भी योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा में भोजपुरी के मुद्दे को उठाया था। तब उन्होंने UPA सरकार से भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी।

आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं  

बता दें कि भारतीय संविधान में भाषाओं से संबंधित आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं।1967 में संविधान में 21वां संशोधन कर सिन्धी को आठवीं अनुसूची में स्थान दिया गया। बाद में 1992 में 71वां संशोधन कर मणिपुरी, कोकणी और नेपाली जोड़ा। साथ ही 2003 में मैथिली, संथाली, डोगरी और बोडा को शामिल किया गया। 

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