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Monsoon Session: "देश के मंदी की ओर जाने का सवाल ही नहीं", वित्त मंत्री ने महंगाई पर लोकसभा में दिए जवाब

Monsoon Session: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के मंदी के दौर में जाने की आशंका को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और सप्लाई चेन में दिक्कतों के बावजूद भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

Edited By: Swayam Prakash @@SwayamNiranjan
Published : Aug 01, 2022 23:27 IST, Updated : Aug 02, 2022 6:33 IST
Finance Minister Nirmala Sitharaman on inflation in Lok Sabha
Image Source : SANSAD TV Finance Minister Nirmala Sitharaman on inflation in Lok Sabha

Highlights

  • लोकसभा में महंगाई के विषय पर आज हुई चर्चा
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा का जवाब दिया
  • देश के मंदी की ओर जाने की आशंका की खारिज

Monsoon Session: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के मंदी के दौर में जाने की आशंका को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और सप्लाई चेन में दिक्कतों के बावजूद भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिटेल मुद्रास्फीति को सात प्रतिशत से नीचे लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। लोकसभा में नियम 193 के तहत महंगाई के विषय पर आज हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि मुश्किल दौर में पूरा देश एक होकर खड़ा हुआ और यही कारण है कि आज हम बाकी दुनिया के मुकाबले मजबूत स्थिति में हैं। उन्होंने ने कहा कि इसका श्रेय जनता को दिया जाना चाहिए। 

"भारत के मंदी के दौर में जाने का कोई सवाल ही नहीं"

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल से लगातार विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) जैसी एजेंसियां जहां दुनिया की खराब आर्थिक स्थिति की बात कर रही हैं, वहीं उनका कहना है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। सीतारमण ने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के अनेक कदमों के कारण देश की हालत कई दूसरे देशों से अच्छी है। उन्होंने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी की एक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत के मंदी के दौर में जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता, जबकि दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं। सीतारमण ने कहा कि खबरों के अनुसार चीन में 4,000 से ज्यादा बैंक दिवालिया होने की कगार पर हैं, जबकि भारत में व्यावसायिक बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में सुधार हुआ है और यह छह साल के सबसे कम स्तर 5.9 प्रतिशत पर है। 

"यूपीए के दौर में नहीं था युद्ध, महामारी जैसा संकट"
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि भारत का कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में 56.21 है जो कई देशों से बहुत कम है। अपने डेढ़ घंटे से ज्यादा के जवाब में सीतारमण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, सप्लाई चेन में गतिरोध और चीन में जगह-जगह लगातार लॉकडाउन के बावजूद भारत की स्थिति दुनिया के कई देशों से बेहतर है। उन्होंने कहा कि पिछली यूपीए सरकार के समय कोई ऐसा संकट नहीं था। वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए के कार्यकाल में 22 महीने तक मुद्रास्फीति नौ प्रतिशत से ज्यादा रही और नौ से अधिक बार 10 से ज्यादा यानी दो अंक में रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष को उन दिनों को याद करना चाहिए। 

जीएसटी कलेक्शन में हुई खासी बढ़ोत्तरी 
सीतारमण ने कहा कि आज पेश हुए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में माल और सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन 28 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो अबतक का दूसरा सबसे ऊंचा मासिक आंकड़ा है। इससे पहले अप्रैल, 2022 में जीएसटी कलेक्शन 1.67 लाख करोड़ रुपये रहा था। वित्त मंत्री ने कहा कि यह पांचवां लगातार महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ से अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों का जीएसटी क्षतिपूर्ति का मई महीने तक का बकाया चुका दिया गया है और सिर्फ जून महीने का बकाया रह गया है और उसे भी जारी कर दिया जाएगा।

"रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने की है सराहना"
इस दौरान सीतारमण ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के हालिया बयान का भी जिक्र किया। राजन ने कहा है कि रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने में अच्छा काम किया है और उसकी स्थिति श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों जैसी नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि राजन के अनुसार पूरी दुनिया में महंगाई है, ऐसे में रिजर्व बैंक नीतिगत दर बढ़ा रहा है, जिससे मुद्रास्फीति को नीचे लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने यह भी कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति दुनिया में कम हो रही है और भारत में भी कम होगी।

कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से किया वॉकआउट 
वित्त मंत्री ने कच्चे पाम तेल, सनफ्लॉवर और सोयाबीन तेल के आयात पर सीमा शुल्क कम करने का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार प्रयासरत है कि जनता को सस्ता खाद्य तेल मिले और मई के मुकाबले जून में खाद्य तेलों के दाम कम हुए हैं। इस दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने वित्त मंत्री के जवाब पर असंतोष जताते हुए सदन से वॉकआउट किया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पर महंगाई पर चर्चा नहीं कराने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस जवाब तक सुनने को तैयार नहीं है।

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