नई दिल्ली: मानसून के शुरुआती दिनों में ही बारिश के हाई डोज ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है। बेहिसाब बारिश ने जीवन की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। कहीं दरकती चट्टानों ने रास्तों को बंद कर दिया है तो कहीं सड़कें तालाब बनी हुईं हैं और शहर में सैलाब आ गया है। आसमानी आफत ने ऐसा कहर बरपाया है कि कहीं इलाके डूब गए हैं तो कहीं सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं।
पहाड़ी राज्यों में फट सकते हैं बादल
आसमानी आफत से अभी राहत भी नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे में देश के कई राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान , उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश वो राज्य हैं जहां लोगों को आने वाले समय में भी मूसलाधार बारिश से राहत मिलने वाली नहीं है। मौसम विभाग ने इन राज्यों में सामान्य से ज्यादा बारिश का अंदेशा जताया है और पहाड़ी राज्यों में कई जगहों पर बादल फटने की घटनाएं भी हो सकती हैं। पिछले दिनों मंडी और शिमला में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। मूसलाधार बारिश की वजह से कई नदियां उफान पर हैं। पानी के सैलाब ने कहर बरपाया हुआ है और ये हाल तब है जब इस साल सामान्य से 16 मिमी. बारिश कम हुई है।
सड़कें बनीं दरिया, घरों में भरा पानी
गुजरात के जूनागढ़ में पानी का सैलाब ऐसा है कि अगर आदमी इसकी चपेट में आ जाए तो चंद सेकंडों में कई किलोमीटर तक बह जाए। भारी बारिश के बाद बांध के ओवरफ्लो होने से जूनागढ़ में जलभराव हो गया है जिस वजह से लोगों को खासी परेशानी हो रही है। मानसूनी मुसीबत कहीं नुकसान तो कहीं मौत बनकर गिरी है। राज्य के हलोल के चंद्रपुरा गांव में बारिश की वजह से एक कंपाउंड वॉल गिर गई जिस वजह से 4 बच्चों की मौत हो गई तो 4 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गुजरात के सूरत का हाल भी जूनागढ़ जैसा ही है। पूरा शहर डूबा-डूबा दिख रहा है। यहां बारिश का कहर ऐसा है कि मंदिरों में भी पानी घुस गया है। वहीं बिहार के समस्तीपुर जिले के नामापुर गांव में बागमती नदी में बारिश के पानी के बाद बहाव ऐसा है कि रेत की बोरियां रखी जा रही हैं। दरअसल, ज्यादा बारिश होने की वजह से नदी का कटाव बढ़ रहा है जिसे रोकने के लिए ये उपाय किए जा रहे हैं।
असम में बाढ़ से त्राहिमाम
पश्चिमी असम में बसा बारपेटा जिला भी बाढ़ और बारिश का विकराल तांडव झेल रहा है। 4 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं तो किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। असम में 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। 82 हजार से ज्यादा लोग सैलाब की मार झेलने को मजबूर हैं और सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं।